2018-01-22 16:06:00

संत पापा ने पेरू के संतों के अवशेष के सामने प्रार्थना की


लीमा, सोमवार 22 जनवरी 2018( रेई): संत पापा फ्राँसिस पेरु की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन देश के सबसे लोकप्रिय संतों के अवशेष के सामने प्रार्थना की।

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को लीमा शहर में स्थित प्रेरित संत योहन के महागिरजाघर में करीब साढ़े दो हजार पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों, सेमिनरियों तथा कलीसियाई संगठनों के सदस्यों के साथ पेरु के संतो के अवशेष के सामने प्रार्थना की।

संत मार्टिन डे पोरेस, लीमा की संत रोस,  संत तुरिबियस दी मोग्रोवेहो और संत जॉन मासास के अवशेष संत दोमनिक कॉन्वेंट से लाये गये थे तथा संत फ्राँसिस सोलानुस का अवशेष महाधर्माध्यक्ष के संग्रहालय से लाये गये थे। 

सुसमाचार लेखक और प्रेरित संत योहन का महागिरजाघर लीमा के ऐतिहासिक केंद्र में स्थित है, इसका निर्माण सन् 1535 ई. में हुआ। फ्रांसिस्को पिज़ार्रो ने महागिरजाघर की पहली पत्थर रखी थी। महागिरजाघर ने भूकंपों के विनाशकारी परिणामों का सामना किया है।

अपनी सबसे पुरानी वेदी के उपर एक सुसमाचार प्रचारक माता मरिया की प्रतिमा है जिसे सम्राट चार्ल्स पांचवें ने उपहार में दी थी। उनके हाथ में स्वर्ण गुलाब है जिसे सन् 1988 ई. में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने अपनी दूसरी प्रेरितिक यात्रा के दौरान रखी थी।

संत पापा फ्राँसिस ने संतो के अवशेष के सामने इस प्रकार प्रार्थना की।

हे पिता ईश्वर, येसु मसीह के द्वारा प्रेरितों की चट्टान पर, आपने कलीसिया की स्थापना की। पवित्र आत्मा के निर्देशन से यह दुनिया में आपके प्यार और दया का संकेत और साधन बने। हम लीमा की कलीसिया पर बरसाये सभी कृपा दानों के लिए धन्यवाद देते हैं। हम आपको विशेष रुप से पवित्रता के लिए धन्यवाद देते हैं जो हमारे देश में विकसित हो पाई है। संत तुरिबियस दी मोग्रोवेहो के प्रेरितिक कार्यों व प्रयासों के कारण हमारी महाधर्मप्रंतीय कलीसिया फलदायी बन गई है,लीमा की संत रोस और संत मार्टिन डे पोर्रेस की त्याग, प्रार्थना और दया की वजह से यह फैलती जा रही है। यह संत हुआन मसास की विनम्र सेवा और संत फ्रांसिस्को सोलानो के मिशनरी उत्साह से सज गई है। यह हमारे भाइयों और बहनों तथा कई अन्य लोगों के ख्रीस्तीय जीवन के साक्ष्य और सुसमाचार के प्रति निष्ठावान बने रहने के कारण धन्य हो गई है। हम आपको हमारे इतिहास की संपूर्णता के लिए धन्यवाद देते हैं और हम आपसे कृपा मांगते हैं कि हमें जो विरासत में मिली है उसके प्रति हम विश्वास योग्य बने रहें। हमें ऐसी कलीसिया बनने में मदद दीजिये जो सभी को साथ लेकर आगे बढ़ता रहे, विशेषकर जो कम भाग्यशाली हैं।

चमत्कार के स्वामी, येसु मसीह का मिशनरी शिष्य बनना, प्यार में रहना, एकता की तलाश करना और दया का अभ्यास करना हमें सिखायें,जिससे कि हम सुसमाचार प्रचारक की माता मरियम के मध्यस्ता से सुसमाचार की खुशी को जी सकें और दुनिया के सामने इसका प्रचार कर सकें।  








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