2018-01-21 16:24:00

संत पापा ने मठ की धर्मबहनों के साथ मध्याह्न प्रार्थना का पाठ किया


लीमा, रविवार 21 जनवरी 2017 ( रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 21 जनवरी को लीमा स्थित प्रभु के चमत्कार मंदिर में विभिन्न मठों से एकत्रित धर्मबहनों के साथ मध्याह्न प्रार्थना का पाठ किया। इसके दौरान उन्होंने प्रवचन के शुरु में मदर सोलेदाद को स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा, इस तीर्थालय में एक साथ मिलकर प्रार्थना करना कितना अच्छा है जहाँ पेरु के विश्वासी यहाँ आकर प्रभु की कृपा और उनकी निकटता का अनुभव करते हैं। आप विभिन्न मठों से आकर यहाँ प्रार्थना हेतु एकत्रित हुई हैं अपने मठ के अंदर प्रार्थना और दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाते हुए इस तीर्थालय में आना और खुली हवा पाना आप के लए भी अच्छा है

 संत पापा ने कहा, आज के पाठ में हमने सुना कि संत पौलुस हमें याद दिलाते हैं कि हमें गोद लिये गये पुत्रों का मनोभाव मिला है जिससे हम ईश्वर को अब्बा-पिता कहकर पुकार सकते हैं।(रोमियों 8:15-16)  हर ख्रीस्तीय की बुलाहट की महत्ता को चंद शब्दों में आस प्रकार प्रकट कर सकते हैं, “ईश्वर की संतान कहलाने की खुशी।” इस खुशी को प्रतिदिन नवीकृत करना बहुत जरुरी है। आपको अपने यक्तिगत और सामूदायिक प्रार्थना में नवीनीकरण लाना है। प्रार्थना मठवासी जीवन का केंद्र है।हमारे विश्वास को बनाये रखने वाले प्यार के अनुभव को विकसित करना ही प्रार्थना है।

संत पापा ने कहा, मिशनरी प्रार्थना हमें विश्व के सभी भाई-बहनों के साथ संयुक्त करता है, चाहे वे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हों। प्रार्थना द्वारा उन्हें परिस्थितियों का सामना करने के लिए साहस मिलता है। हम हमारा भाईयों और बहनों के दुख में सहभागी होते हुए भजनकार के समान कह सकते हैं, “संकट में मैंने प्रभु को पुकारा। प्रभु ने मेरी सुनी और मेरा उद्धार किया।(भजन 117:5)

संत पापा ने कहा कि वे मठ के अंदर रह कर एक मिशनरी बन सकती हैं। वे प्रार्थना के माध्यम से पूरे विश्व में पहुँच सकती हैं और कलीसिया के जीवन में एक बुनियादी भूमिका निभा सकती हैं। आप हमारे बहुत से भाइयों और बहनों के लिए प्रार्थना करते हैं, जो कैदी, प्रवासी, शरणार्थी और उत्पीड़न के शिकार हैं। आपकी मध्यस्थ प्रार्थना बेरोजगारों, गरीबों, बीमारों, और नशे की लत के साथ संघर्ष करने वाले कई परिवारों और विभिन्न तरह की कठिनाइयों का सामना करने वालों को गले लगाती है। आप इन सभी को प्रभु के चरणों में अर्पित करती हैं। आपसभी उन लोगों के समान हैं जिन्होंने लकवाग्रस्त रोगी को घर के छत को तोड़कर येसु के समीप लाया जिससे कि येसु उसे चंगा कर सके। रात दिन मध्यस्थ प्रार्थना द्वारा आप अनेक लोगों को येसु के पास लाती हैं और येसु को अपनी प्रार्थना सुनने और पूरा करने के लिए आप बाध्य भी कर सकती है। आप अपनी प्रार्थना के  साथ-साथ अपने सेवा कार्यों द्वारा लोगों की मदद करती हैं।  

आपके मठों की प्रार्थनाओं में मध्यस्थ प्रार्थना येसु के हृदय से जुड़ी है, जिन्होंने अपने पिता से अनुरोध किया था कि हम सब एक हो, ताकि दुनिया विश्वास करे। (सीएफ योहन17:21) कलीसिया में एकता हेतु प्रार्थना की बहुत आवश्यकता है। हमारी कलीसिया आज और हमेशा! विश्वास में संयुक्त, उम्मीद से संयुक्त, प्यार से संयुक्त रहे। आप पेरु की कलीसिया में एकता के लिए प्रार्थना करें।

संत पापा ने कहा, जब हम अपनी बुलाहट को विश्वासपूर्वक एवं ईमानदारी के साथ जीते हैं तो हमारा जीवन ईश्वर के प्रेम का बक्खान करता है।  इस संदर्भ में येसु की संत तेरेसा कहा करती थी, "यदि आप अपना मार्गदर्शक येसु को खो देते हैं,  तो आप सही तरीके से यात्रा नहीं कर पायेंगे...क्योंकि उसी उसी ने कहा है कि वे ही मार्ग हैं,वे कहते हैं कि वे ही प्रकाश हैं और उसके पास गये बिना कोई भी पिता के पास नहीं आ सकता है।"

 संत पापा ने कहा कि कलीसिया को आपकी जरुरत है। आपसे कलीसिया प्रार्थना की अपेक्षा करती है।








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