2018-01-21 15:58:00

माता मरियम करुणा एवं आशा की माता हैं


त्रुहिल्लो, रविवार, 21 जनवरी 2018 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 20 जनवरी को त्रुहिलो के अरमास प्रांगण में पोएरता की माता मरियम का उत्सव मनाने एकत्रित श्रद्धालुओं को अपना संदेश दिया।

उन्होंने कहा, "त्रुहिल्लो के इस सुन्दर एवं ऐतिहासिक प्राँगण में जिसने सभी पेरू वासियों की आजादी की कल्पना को जागृत किया था, हम यहाँ हमारी प्यारी माता से मुलाकात करने आये हैं। यह प्रांगण आज एक खुला तीर्थस्थल बन गया है जिसमें एकत्रित हम प्रत्येक की अभिलाषा है कि माता मरियम हम पर अपनी ममतामय एवं कोमल निगाह डाले। वे एक माता हैं जो पेरू के अपने बच्चों के हृदय को समझ सकती हैं। उन्होंने आपके आँसू, हंसी एवं चाहत को देखा है। इस प्राँगण में हम उन लोगों की याद का ताजा करना चाहते हैं जो जानते हैं कि माता मरियम एक माता हैं जो अपने बच्चों को नहीं छोड़ती।

संत पापा ने वहाँ उपस्थित विभिन्न समुदायों को सम्बोधित कर कहा कि हरेक समुदाय और इस भूमि के हर छोटे कोने पर, एक संत के चेहरे के साथ, येसु एवं माता मरियम का प्रेम है। संत पापा ने कहा कि जहाँ समुदाय है, जीवन है तथा हृदय की आशा, नृत्य, संगीत एवं सभ्य जीवन का भाव है वहाँ प्रभु उपस्थित हैं और वहीं हम उनकी माता को पा सकते हैं, वहाँ संत भी हमें आशा में आनन्दित रहने में मदद देते हैं।

संत पापा ने कहा कि मैं जानता हूँ निष्कलंक माता मरियम के प्रति आपका स्नेह कितना अधिक है। आज आपके साथ यह घोषित करना चाहता हूँ कि माता मरियम करूणा एवं आशा की माता हैं। जिन्होंने सदियों से अपने बच्चों के प्रति स्नेह प्रकट किया है उन्होंने संकट के भय से सुरक्षा प्रदान की तथा पेरू के लोगों में प्रेम को जागृत किया।

उन्होंने कहा कि माता मरियम हमारी रक्षा अब करतीं तथा उस द्वार की ओर ले चलतीं हैं जो हमारे लिए सच्चे जीवन के रास्ते को खोल देता है। एक ऐसा जीवन को समाप्त नहीं होता। वे अपने हर बच्चे के साथ चलती हैं ताकि उन्हें घर की राह पर आगे ले चलें। वे हम सबका मार्गदर्शन उस द्वारा की ओर करती है जो जीवन देता क्योंकि येसु नहीं चाहते हैं कि कोई भी बाहर रहे। इस तरह वे कई लोगों को पिता का घर वापस ले रही हैं। पिता हमेशा हमारा इंतजार करते हैं किन्तु बहुधा हम नहीं जानते कि किस तरह उनके पास जायें।

जैसा कि संत बेर्नार्ड ने कहा है, तुम जो अपनी भूमि से दूर महसूस करते हो, इस संसार के आँधी तूफान में बह गये हो, आकाश में तारों की ओर देखो और मरियम को पुकारो, वे हमें घर का रास्ता दिखलाती हैं। वे येसु के पास लाती हैं जो दया के द्वार हैं।

साल 2015 में हमने करुणा की जयन्ती मनाया जिसमें मैंने विश्वासियों को करुणा के द्वार में प्रवेश करने का निमंत्रण दिया। इस द्वार के माध्यम से हमने ईश्वर के प्रेम का अनुभव किया जो सहानुभूति, क्षमा और आशा प्रदान करते हैं। मैं आप लोगों से वही आशा को पुनः प्राप्त करने का निमंत्रण देता हूँ ताकि हम सभी ईश्वर की अच्छाई एवं कोमलता को फैला सकें। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई दवाई नहीं है जो हृदय के घावों को चंगा कर सके।

करुणा क्रियशील है क्योंकि हम जानते हैं कि ईश्वर हमारे लिए झुके, ताकि हम भी अपने भाई बहनों की सेवा में झुकते हुए उनका अनुसरण करें, सबसे बढ़कर उन लोगों के बीच जो पीड़ित हैं। मरियम की तरह हम दूसरों की मदद करें जिन्होंने काना के विवाह भोज में उन लोगों की सहायता की जिनके पास आनन्द की आंगुरी समाप्त हो गयी थी।

संत पापा ने देश की सभी माताओं एवं दादियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वे पेरू में जीवन और परिवार की सच्चे प्रेरक शक्ति हैं। माताओं एवं दादियों के बिना पेरू की स्थिति कैसी होती? उनके बिना हमारी जीवन कैसा होता? माता मरियम के प्रति हमारा प्रेम महिलाओं, माताओं एवं दादियों के लिए हमारी प्रशंसा एवं कृतज्ञता का भाव उत्पन्न करे। जो हमारे शहरों में हमारे जीवन के गढ़ हैं। वे हमेशा चुपचाप जीवन को आगे ले चलती हैं। यह मौन और आशा की ताकत है। संत पापा ने सभी माताओं को इस साक्ष्य के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने महाद्वीप को प्रभावित करने वाली एक बड़ी संकट जिसमें महिलाएँ हत्या की शिकार होती हैं उससे निपटना हेतु सभी का अह्वान दिया।

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना की कि करुणा एवं आशा की माता हमारा मार्गदर्शन करे तथा उदासीनता एवं असंवेदनशीलता की बुराई से हमारी रक्षा करे। वे हमें अपने पुत्र के पास ले चले एवं दूसरों के साथ मुलाकात पर आधारित करुणा की संस्कृति को फैलाने एवं प्रोत्साहन देने में हमें साहस प्रदान करे।

 








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