त्रुहिल्लो, रविवार, 21 जनवरी 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): पेरु में विगत वर्ष की विनाशक बाढ़ से बेघर हुए लोगों के प्रति सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को गहन संवेदना व्यक्त की। बाढ़ में अपनी जीविका के साधन खोने वालों से सन्त पापा ने कहा कि वे, "एक समुदाय की तरह एकजुट होकर तथा राष्ट्र को तहस-नहस करनेवाली हिंसा को समाप्त कर जीवन के सभी तूफानों का सामना कर सकते हैं।"
चिली एवं पेरु में अपनी सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के अन्तिम चरण में शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने पेरु के त्रुहिल्लो का दौरा किया। सोमवार 15 जनवरी को शुरु हुई अपनी इस यात्रा को सन्त पापा रविवार 21 जनवरी को समाप्त कर सोमवार 22 जनवरी को पुनः रोम लौट रहे हैं। इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह 22 वीं विदेश यात्रा है।
शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने उत्तरी पेरु स्थित त्रुहिल्लो का दौरा किया जो प्रायः "एल निन्यो" तूफान के प्रकोप की चपेट में आता रहा है। 2017 का "एल निन्यो" तूफान अपने साथ भीषण बाढ़ लेकर आया था जिसमें लगभग 150 लोग मारे गये थे तथा हज़ारों लोगों के घर तबाह हो गये थे। अभी भी बहुत से लोग अस्थायी शिविरों में रहने के लिये बाध्य हैं।
त्रुहिल्लो के हुवानचाको समुद्री तट पर सन्त पापा ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें दो लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि पेरु के इस समुद्री तट पर वे उन सब लोगों के लिये प्रार्थना कर रहे थे जिन्होंने प्राकृतिक प्रकोपों में अपना सर्वस्व खो दिया है। इसके अतिरिक्त, सन्त पापा ने पेरु में व्याप्त हिंसा पर भी गहन चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "संगठित अपराध जनित हिंसा एवं अनुबन्धित हत्याएं पेरु और, विशेष रूप से, उत्तरी पेरु की अति गम्भीर समस्याएँ हैं जिनका सामना एकजुट होकर किया जा सकता है।"
उत्तरी पेरु और, विशेष रूप से, त्रुहिल्लो में धन की जबरन वसूली मामूली बात है। बसों के चालक जो धन वसूली के लिये आसानी से तैयार नहीं होते हैं उनकी बसों को आग के हवाले कर दिया जाता है। हिंसा का इतना बोलबाला है कि पेरु के नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त मारियो वारगास लोज़ा ने अपनी हाल की पुस्तक "द डिसक्रीट हिरो" में उस व्यापारी के साथ हुई हिंसक घटनाओं का विवरण दिया है जिसने जबरन वसूली से इनकार कर दिया था। इसके अतिरिक्त, रेड क्रॉस के स्वयंसेवक एडविन त्रुहिल्लो ने बताया कि भ्रष्टाचार के कारण विगत वर्ष की बाढ़ में तबाह हुए लगभग दो लाख आवासों में से केवल 60 प्रतिशत आवासों की ही मरम्मत की गई है।
त्रुहिल्लो के हुवानचाको समुद्री तट पर सन्त पापा ने ख्रीस्तयाग के अवसर पर कहा, "अन्धकार के बीच अन्य बहुत से लोगों के साथ मिलकर आप उन मोमबत्तियों के सदृश रहे जिन्होंने अपनी बाहें अपने भाइयों एवं बहनों की सहायता के लिये सदैव आगे बढ़ाये रखे। उनकी पीड़ा पर मरहम लगाने तथा निर्धन होने के बावजूद जो कुछ आपके पास था उसे अन्यों के साथ बाँटने के लिये आप सदैव तत्पर रहे, जो प्रशंसा योग्य है।"
ख्रीस्तयाग समारोह के बाद सन्त पापा फ्राँसिस ने अपनी पापामोबिल से पेरु स्थित बोयनुस आयरस नामक नगर का दौरा किया तथा रास्तों के ओर छोर खड़े प्रशंसकों को दर्शन दिये। ग़ौरतलब है कि यह आर्जेनटीना का बोयनुस आयरस शहर नहीं है बल्कि वह छोटा से नगर है जिसपर प्रायः प्राकृतिक प्रकोपों का ख़तरा बना रहता है।
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