2018-01-20 16:04:00

हर परिस्थिति में आशा की रक्षा करें, संत पापा


पेरू, शनिवार, 20 जनवरी 2018 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को पेरू की राजधानी लीमा के राष्ट्रपति भवन में, पेरू के राष्ट्रपति पेद्रो पाब्लो कुजायनस्की, एवं सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की।

पेरू में मुलाकात के इस अवसर के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए संत पापा ने कहा कि उनके दौरे की विषयवस्तु है, "आशा में संगठित"। उन्होंने कहा कि इस भूमि को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह अपने आप में एक आशा का कारण है।  

संत पापा ने पेरू की प्राकृतिक संसाधनों, इसकी समृद्धि, सांस्कृतिक विविधता तथा मिट्टी के महत्व की सराहना करते हुए युवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "वे (युवा) सबसे महत्वपूर्ण उपहार हैं जो इस समाज के पास हैं। अपनी गतिशीलता और उत्साह के द्वारा वे हमसे प्रण करते एवं हमें प्रोत्साहन देते हैं कि हम भी स्वप्न देखें, एक आशामय भविष्य की कल्पना करें, जो अपने पूर्वजों की प्रज्ञा और युवा नजरों के बीच मुठभेड़ से उत्पन्न होता है।

संत पापा ने पेरू में आशा की महत्ता पर गौर करते हुए कहा कि इस धरती पर आशा का एक पवित्र चेहरा है। पेरू ने संतों को जन्म दिया है तथा समस्त अमरीकी महादेश के लिए विश्वास के पथ को प्रशस्त किया है।  मार्टिन दी पोर्रेस दो संस्कृतियों का सुपुत्र था जिन्होंने उस बल एवं समृद्धि को दर्शाया जो तब आता है जब लोग प्रेम को महत्व देते हैं। पेरू आशा की भूमि है जो अपने लोगों को एकता के लिए निमंत्रण एवं चुनौती देता है। यहाँ के लोगों की जिम्मेदारी है एकता बनाये रखना एवं आशा के कारणों की रक्षा करना।

उन्होंने कहा कि इस आशा के बावजूद एक छाया का भय बढ़ रहा है। यह इस बात से स्पष्ट है कि हम पृथ्वी को उसके प्राकृतिक संसाधनों से अलग कर रहे हैं जिसके बिना जीवन ही संभव नहीं है। जंगलों के विनाश का अर्थ न केवल जीव जन्तुओं का लुप्त होना है जो कि भविष्य के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं बल्कि महत्वपूर्ण संबंधों की समाप्ति भी जो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदल देगा।

आदिवासी भूमि से सीधे रूप से जुड़े हैं, अतः वे इसके समय और तरीके जानते हैं, और उन्हें पता है कि विकास के नाम पर कई परियोजनाओं के द्वारा उत्पन्न होने वाली विपत्ति का क्या प्रभाव होगा।

संत पापा ने कहा कि आशा की रक्षा हेतु एक साथ काम करना, मांग करता है कि हम पर्यावरण के क्षरण पर ध्यान दें जो सम्पूर्ण जीवन पर प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक विषाणु के द्वारा लातीनी अमरीका की मातृभूमि को कितना अधिक हानि पहुँचाया गया है।

संत पापा ने देश के सभी अधिकारियों से आग्रह करते हुए प्रोत्साहन दिया कि वे हर परिस्थिति में आशा की रक्षा करें ताकि पेरू सभी के लिए आशा एवं अवसर की भूमि बने, न कि कुछ ही लोगों के लिए हो। इस तरह देश वासी यह महसूस कर सकेंगे कि यह देश उनका भी है और वे एक-दूसरे के साथ भाई-बहन की तरह व्यवहार कर सकेंगे तथा अपने पड़ोसियों एवं अन्य लोगों की भी मदद कर पायेंगे जहाँ वे अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे।

संत पापा ने अधिकारियों से काथलिक कलीसिया की प्रतिबद्धता को नवीकृत करते हुए कहा कि जिसने राष्ट्र के जीवन को साथ दिया है अपने संयुक्त प्रयास द्वारा पेरू के लिए कार्य करना जारी रखेगी ताकि यह हमेशा आशा की धरती बनी रहे। संत पापा ने लीमा की संत रोस की मध्यस्थता द्वारा प्रत्येक व्यक्ति एवं समस्त राष्ट्र के लिए प्रार्थना की। 








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