2018-01-18 14:26:00

संत पापा ने सांत्यागो, माइपु के मरियम तीर्थालय में युवाओं से मुलाकात की


सांत्यागो, बृहस्तपतिवार,18 जनवरी 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को माईपु के माता मरियम राष्ट्रीय तीर्थालय में चिली के युवाओं से मुलाकात की। संत पापा ने युवा अरिएल को युवाओं की ओर से स्वागत भाषण के लिए धन्यवाद देते हुए उनके बीच कुछ समय बिताने की खुशी जाहिर की।

संत पापा ने कहा, मुझे खुशी है कि हम माइपु में मिल रहे हैं। यह वही स्थान है जहाँ भाईचारे के आलिंगन के साथ चिली का इतिहास शुरु हुआ था। यह तीर्थालय जो उत्तर और दक्षिण की ओर जाने वाले चौराहे पर स्थित है जो बर्फ और समुद्र को मिलाती है और यह धरती और अंबर दोनों का घर है। प्रिय युवाओ यह चिली का घर है यह आपका घर है जहाँ कार्मेल की माता मरियम आपके स्वागत हेतु अपनी बाहें फैलाये खड़ी हैं। जिसतरह वे इस देश के जन्म के समय साथ दिया और दो सौ वर्षों के दौरान देश के विस्तार में बहुत से चिली वासियों का साथ दिया, उसी तरह वे आज भी आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपका साथ देने हेतु खड़ी है। आपके हृदय में स्वतंत्रता का सपना, आनंद का सपना, उज्वल भविष्य का सपना और जैसे अरियन ने कहा ‘परिवर्तन लाने वाला नायक बनने का सपना’ माता मरियम आपके सपने को साकार बनाने में आपके साथ चलेंगी।

संत पापा ने कहा, धर्माध्यक्ष के रुप में मुझे यह देखने को मिला कि युवाओं के मन और दिल में बहुत अच्छे विचार रहते हैं युवा लोग अधीर रहते हैं; वे खोजकर्ता और आदर्शवादी हैं। हम वयस्कों की समस्या यह है कि जब युवाओं के आदर्शवादी विचारों को सुनते हैं तो हम सोचते हैं कि वे अभी युवा हैं उन्हें बढ़ना है। बढ़ना का यह अर्थ नहीं होता कि वे अन्याय को स्वीकार करें या यह चीज ऐसी थी इसे इसी तरह से रहना चाहिए। सही मायने में एक वयस्क अपने सपनों और विचारों को आपस में चर्चा करते उसे कार्य में परिणत करता है।

संत पापा ने कहा कि युवाओं के अनुभवों और कलीसिया में उनके महत्वपूर्ण योगदान के ध्यान में रखते हुए वे चाहते हैं कि धर्माध्यक्षों की विश्व महासभा के पहले युवाओं की सभा हो जिससे कि युवा यह अनुभव कर सकें कि कलीसिया को आगे बढ़ाने में उनके विचारों और सपनों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। वे कलीसिया के युवा चेहरे हैं।

         संत पापा ने एक लड़के से बात-चीत में पूछा, कौन सी चीजें हैं जो तुम्हें नाखुश कर देती हैं? उसने कहा"जब मेरी सेलफोन बैटरी कम हो जाती है या मैं अपना इंटरनेट कनेक्शन खो देता हूं"। मैंने उससे पूछा: "क्यों?" उसने जवाब दिया: "जी, यह आसान सी बात है; मैं दुनिया से कट जाता हूँ: उन क्षणों में, मैं चार्जर खोजने के लिए दौड़ता हूँ या वाई-फाई नेटवर्क को फिर से कनेक्ट करने के लिए पासवर्ड डालता हूँ।"

यह सुनकर मैं सोचने लगा कि हमारे विश्वास के साथ भी यही बात होती है। हम विश्वास की यात्रा में शुरु में तो ठीक से आगे बढ़ते हैं पर धीरे से हमारी शक्ति कम होने लगती है और हम अपना कनेक्शन खोने लगते हैं हम अकेलापन महसूस करते हैं और हमें सबकुछ खराब नजर आती है। जब येसु से हमारा संबंध टूट जाता है तो हमारे अच्छे विचार, हमारे सपने सबकुछ टूटने लगते है। हमारा विश्वास कमजोर पड़ जाता है और हम जीवन से निराश और हतास हो जाते हैं। ऐसे समय में अलबेर्तो हुर्टाडो कहा करते थे, "क्या यह शैतान की आवाज़ है", जो आपको यह महसूस कराना चाहता है कि आप बेकार हैं ... और जिस तरह से आप हैं, वैसे ही रहें। हम सभी मूल्यवान और महत्वपूर्ण हैं; हम सभी के पास दूसरों को देने के लिए कुछ न कुछ जरुर रहता है। अल्बेर्तो हुर्टाडो का एक स्वर्णिम नियम था और वह था अपने हृदय में उस आग को प्रज्वलित बनाये रखना जो खुशी को जीवित रखे। येसु ही वह आग हैं जो कोई उस आग के पास जाता है स्वतः खुशी से प्रज्वलित होता है।

संत पापा ने कहा, अल्बेर्तो के पास येसु से जुड़े रहने का एक पासवर्ड था और वह था : "मेरे स्थान पर मसीह क्या करते?" स्कूल में, विश्वविद्यालय में, सड़क पर, घर पर, दोस्तों के साथ, काम पर, जब दूसरे ताना मारते हों तो "मेरे स्थान पर मसीह क्या करते?" जब आप नृत्य करते हैं, जब आप खेल खेल रहे हैं या देख रहे हैं: "मसीह आपकी जगह पर क्या करते?" संत पापा ने कहा कि मसीह वह पासवर्ड हैं जो हमारे जीवन को खुशियों से भर सकते हैं, हममें आशा और आनंद का संचार करते और हमारे विश्वास को फिर से मजबूत कर सकते हैं। हमें इस पासवर्ड को कभी नहीं भूलना चाहिए। शुरु में याद करने के लिए प्रयास करना पड़ेगा पर धीरे धीरे हम स्वतः उनसे संयुक्त रहेंगे

 संत पापा ने कहा कि येसु से संयुक्त रहने के लिए प्रवचन सुनना या धर्मशिक्षा के कुछ सवाल जवाब याद करना काफी नहीं है। हमें येसु के समान जीना होगा। हमें भी उन युवाओं के समान करना होगा जिन्होंने येसु से प्रश्न किया था “प्रभु आप कहाँ रहते हैं? ” (योहन 1:38). आप येसु से मिलने के लिए साहस के साथ आगे बढ़ें। आप अपने दोस्तों से अजनबियों से या जरुरतमंद लोगों से मिलें। आप जहाँ कहीं जाये मरुभूमि में या किसी यात्रा में आप हमेशा प्रभु से जुड़े रहें, वे ही शक्ति के खान हैं और हम किसी भी परिस्थिति में कभी भी अकेले नहीं होंगे। प्रभु हमारे साथ हैं। हम येसु, उनकी माता और समुदाय के साथ जुड़े रहेंगे।

 संत पापा ने कहा, आप युवा समारी बनें जिसने रास्ते में पड़े व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ा। आप सिरीनी के सिमोन बने जिसने येसु को क्रूस ढोने में मदद की। आप जकेयुस के समान बने जिसने भौतिकता से अपना हृदय हटाकर एकात्मकता में लगा लिया। आप मरियम मगदलेना बने जिसने येसु में अनंत प्रेम को पाया। पेत्रुस का सा हृदय रखें जिससे कि आप भी मायामोह रुपी जाल को झील के किनारे छोड़ सकें। योहन के उस प्रेम को ग्रहण करे जिससे कि आप अपना सारी चिंता येसु पर डाल सकें। मरियम के समान अपने आप को खोल दें जिससे कि आप आनंद के गीत गा सके और ईश्वर की इच्छा पूरी कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने युवाओं को संदेश सुनने के लिए धन्यवाद दिया और अपने लिए प्रार्थना की मांग करते हुए उनसे विदा ली। 








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