2018-01-17 12:36:00

चिली के देशज लोगों के बीच सन्त पापा फ्रांसिस का दौरा


सान्तियागो, बुधवार, 17 जनवरी 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): सान्तियागो में अपना कार्यक्रम सम्पन्न कर बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने चिली के तेमुको देशज क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया जहाँ वे मापुचे जनजातियों की समस्याओं तथा सरकारी अधिकारियों के साथ उनके दीर्घ कालीन संघर्ष पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।

सदियों के अन्तराल से चल रहा संघर्ष प्रायः हिंसक घटनाओं में परिणत हो जाया करता है। मंगलवार को भी सन्त पापा के आगमन से पूर्व आराओकानिया में दो काथलिक गिरजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया। इनमें से एक गिरजाघर पूर्णतः भस्म हो गया है।

सन्त पापा फ्राँसिस, विशेष रूप से, जनजातियों के मुद्दों के प्रति जागरुक रहे हैं तथा उनकी आशा है कि चिली और पेरु में भी वे जनजातियों की समस्याओं को विश्वव्यापी मंच पर रख सकेंगे। मंगलवार को सान्तियागो में अपने उदघाटन भाषण में सन्त पापा फ्राँसिस ने चिली के लोगों का आह्वान किया कि वे देशज लोगों की सुनें जिन्हें प्रायः "भुला दिया जाता अथवा दरकिनार कर दिया जाता है।" सन्त पापा ने चेतावनी भी दी कि यदि देशज जनजातियों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया तथा उनकी संस्कृति को कायम रखने के प्रयास नहीं किये गये तो राष्ट्र की अस्मिता एवं संवृद्धी को ही खो दिये जाने का डर है।

जनजातियों एवं सरकार के बीच विवाद 19 वीं शताब्दी से चल रहा है जब चिली की सेना ने मापुचे लोगों को पराजित कर दिया था। मापुचे लोग अपने पूर्वजों की भूमि पर अधिकार, उनकी भाषा एवं संस्कृति को वैधसंगत मान्यता तथा भेदभावों के अन्त की मांग करते रहे हैं। मापुचे जनजातियों के नेताओं एवं चिली की सरकार दोनों ने आशा व्यक्त की है कि सन्त पापा फ्रांसिस की प्रेरितिक यात्रा सम्वाद को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।








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