2018-01-09 16:50:00

दो कोरियाई देशों के बीच सफल वार्ता की आशा में प्रार्थना करती कोरियाई कलीसिया


कोरिया, मंगलवार, 9 जनवरी 2018 (वाटिकन न्यूज़): डीजॉन के धर्माध्यक्ष लाजरूस यू हेग-सिक की उम्मीद है कि 9 जनवरी को पनमंजोम में दो कोरियाई देशों के बीच की बैठक में, प्रायद्वीप में तनाव को कम करने और दोनों ओर के लोगों को एक साथ लाने में मदद मिलेगी।

दक्षिण एवं उत्तर कोरिया के बीच मंगलवार 9 जनवरी के बैठक की सफलता हेतु दक्षिण कोरिया के काथलिक समुदाय प्रार्थना कर रहे हैं जो ग़ैरफ़ौजीकृत क्षेत्र में आयोजित किया गया है।

डीजॉन के धर्माध्यक्ष ने एशियान्यूज से कहा, "कोरिया की कलीसिया ने प्रार्थना की है तथा दो कोरियाई देशों के बीच वार्ता के दौरान भी प्रार्थना करती रहेगी ताकि सभा सफल हो सके। मैं बहुत खुश हूँ।"     

उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों तथा उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच वाक युद्ध के कारण बढ़ते तनाव के बीच, पानमंजोम  के सीमा विवाद गांव में 9 जनवरी को बैठक हो रही है। 2015 के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है।

धर्माध्यक्ष ने उत्तर तथा दक्षिण कोरिया के बीच आपसी संबंध में प्रगति का श्रेय दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जोय इन के धैर्य और दृढ़ता को दिया जिसने उत्तर कोरिया के साथ मुलाकात के द्वार को कभी बंद नहीं किया, यहाँ तक कि विगत माह के अत्यधिक तनाव की स्थिति में भी।

कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति विभाग के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष लाजरूस यू हेग-सिक ने कहा कि राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति से भी बातें की तथा थैड अंटी मिसाईल सिस्टम की तैनाती के मुद्दे पर भी चर्चा की है। पूर्व राष्ट्रपति की तरह नहीं बल्कि वे अब समझौता तक पहुँच गये हैं।

दक्षिण कोरियाई एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता बाइक ते-ह्यून ने पत्रकारों से कहा कि 9 जनवरी की बैठक के दौरान दोनों पक्ष शीतकालीन ओलंपिक को अगले महीने दक्षिण कोरिया में पेयेंग्चांग में आयोजित किये जाने एवं दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंध पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने दस्तावेज आदान-प्रदान के माध्यम से किए जाने वाली सभा के बारे में और बातचीत करने के लिए कहा।

दक्षिण कोरिया के साथ वार्ता का द्वार उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने उस समय खोला जब वे नये साल का भाषण दे रहे थे जिसमें उन्होंने तनाव कम करने की इच्छा व्यक्त की तथा शीतकालीन ओलंपिक में उत्तर की संभावित भागीदारी का सुझाव दिया। 

धर्माध्यक्ष यू ने बतलाया कि बदलाव का मोड़ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के शीतकालीन ऑलम्पिक में सहभागी होने हेतु निमंत्रण से हुआ जब किम ने उसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता ने कोरियाई प्रायद्वीप के लोगों के बीच एकता पर जोर दिया है।

उन्होंने कहा कि खेल एवं संस्कृति लोगों को एकता के सूत्र में बांध सकती है। उनकी आशा है कि उत्तर कोरिया के साथ उनके बहुत सारे फैन शीतकालीन ऑलम्पिक में भाग लेंगे। सबसे बढ़कर एक साथ आना बहुत सारे पूर्वाग्रहों को दूर कर देता तथा इस बात की पुष्टि करता है कि हथियारों द्वारा शांति प्राप्त नहीं की जा सकती।

संत पापा ने सभी देशों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने का समर्थन करने तथा परमाणु हथियार पर रोक लगाने हेतु अपील की है। यह अपील उन्होंने सोमवार को वाटिकन में राजनयिकों से मुलाकात करते समय की थी। 

कोरियाई प्रायद्वीप का विभाजन सन् 1953 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। इस विभाजन में उन परिवारों को खास तकलीफ हुई जिन्होंने अपने को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच पाया तथा वे एक-दूसरे को देखने में असमर्थ रहे। अभी भी करीब 60,000 लोग मरने से पहले अपने प्रियजनों से मिलने की उम्मीद में हैं।

धर्माध्यक्ष यू ने कहा कि परिवार का यह मामला हृदय विदारक है क्योंकि यह दो कोरियाई देशों में पीड़ा की पूरी कहानी को उजागर करती है।








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