2018-01-08 16:28:00

‘कमज़ोर लोगों का तिरस्कार करना शैतान का काम है', संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार 8 जनवरी 2018 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 8 जनवरी को वाटिकन के प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन पवित्र यूखरीस्तीय समारोह को अनुष्ठान किया।

मिस्सा के दैरान प्रवचन में संत पापा ने दैनिक पाठ से लिए गये सामुएल के ग्रंथ से उस पाठ पर चिंतन किया, जहाँ सामुएल के माता पिता के बारे में लिखी गई है। सामुएल के पिता एलकनाह की दो पत्नियाँ थी पेनिन्नाह ने बहुत से बच्चों को जन्म दिया पर दूसरी पत्नी हन्ना की कोई संतान नहीं थी। इसी वजह से पेनिन्नाह हन्ना का मजाक उड़ाया करती थी और उसका तिरस्कार करती थी।

संत पापा ने कहा कि बाइबिल में कई कहानियां है जहाँ कमजोरों को तिरस्कृत किया गया है जैसे कि इब्राहीम की पत्नियों में हागार और सारा की कहानी। पुरुषों में गोलियाथ और दाऊद की कहानी।

संत पापा ने कहा आइये हम अपने आप से पूछें हम अपने से कमजोर लोगों को क्यों तिरस्कृत करते हैं।उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। क्या हम दूसरों को नीचा दिखाने के आदि बन गये हैं या आत्मविश्वास महसूस करने के लिए दूसरे व्यक्ति का उपहास करना आवश्यक है?

संत पापा ने कहा कि बच्चों में भी ये बातें होती हैं। संत पापा अपने बचपन की याद करते हैं और कहते हैं कि अर्जेंटीना में भी एक पागल महिला अंजलीना थी वह रात दिन धूमती रहती थी लोग उसे खाना वगैरह दिया करते थे और उसे बच्चे भी बहुत मजाक उड़ाया करते थे। उसका मजाक ड़ाने के लिए उसे ढूँढ़ते थे।

संत पापा ने कहा कि बच्चों में भी बुराई है वे अपने से कमजोर लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। आज भी स्कूलों में बच्चों की उदंडता देखने को मिलती है। यदि कोई मोटा है या विदेशी है या काला है तो इसे लेकर उनका मजाक उड़ाया जाता है।

किसी अन्य व्यक्ति को नष्ट करने की इच्छा शैतान का काम है

संत पापा ने कहा कि मनोवैज्ञानिक शायद दूसरों को नष्ट करने की इच्छा का अलग स्पष्टीकरण देंगे क्योंकि वे कमजोर हैं, पर मैं सोचता हूँ कि यह आदि पाप का प्रभाव है। यह शैतान का काम है। क्योंकि शैतान के पास कोई दया नहीं है।

अतः जब हम अच्छा काम करने की कामना करते हैं तो हम कहते हैं कि यह पवित्र आत्मा की प्रेरणा से हम भला कार्य करते हैं और जब हम किसी कमजोर पर हमला करने या हानि पहुचाने की कोशिष करते हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह शैतान का ही काम है।

प्रवचन के अंत में संत पापा ने कहा,″आइये हम प्रभु से कृपा मांगे कि वे हमें अपनी दया का वरदान दें जिससे हम भी दूसरों के साथ सहानुभूति दिखा सकें।″  








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