2018-01-05 10:58:00

अन्यों के ख़ातिर अपना जीवन अर्पित करनेवाले भी धन्य, कार्डिनल अमातो


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 जनवरी 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय  सन्त प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल आन्जेलो अमातो ने वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो से बातचीत में कहा है कि अन्यों के ख़ातिर अपना जीवन अर्पित करनेवालों को भी धन्य घोषित किया जा सकता है।

ग़ौरतलब है कि काथलिक कलीसिया में शहादत, वीरोचित गुणों एवं पवित्रता के कार्यों के लिये प्रभु सेवकों को धन्य अथवा सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया जाता रहा है। 

लोस्सरवातोरे रोमानो से बातचीत में कार्डिनल अमातो ने स्पष्ट किया कि विगत वर्ष सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरणा से प्रकाशित मोतू प्रोप्रियो "मायोरेम हाक दिलेक्सियोनेम" के बाद अब उन ख्रीस्तीयों को भी धन्य घोषित किया जा सकेगा जो स्वतंत्रतापूर्वक एवं सहजता से मृत्युपर्यन्त अन्य लोगों की सेवा में अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं।

कार्डिनल महोदय ने उदाहरण देते हुए कहा, "उन लोगों को भी धन्य घोषित किया जा सकता है जो किसी महामारी के दौरान संक्रमण से अपनी जान की परवाह किये बिना रोगियों की सेवा करते हैं अथवा वे लोग जो ख़तरों के बावजूद उदारता के कार्यों में संलग्न रहते तथा अपने प्राण खो देते हैं,  वे महिलाएँ भी जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु की सुरक्षा के लिये अपने स्वास्थ्य को ख़तरे में डाल देती हैं अथवा वे युवा जो दूसरे के लिये मौत की सज़ा भुगतते हैं।"

इन लोगों के अतिरिक्त, कार्डिनल अमातो ने कहा कि सैन्य दलों की प्रेरितिक सेवा करनेवाले उन पुरोहितों को भी धन्य घोषित किया जा सकता है जो युद्ध के समय अपने प्राणों को जोखिम में डालकर वीरतापूर्वक अपने सैनिकों की प्रेरितिक सेवा में संलग्न रहते हैं। 








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