2017-12-11 14:46:00

संत पापा ने विश्वासियों से आगमन की तैयारी करने का आह्वान किया


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 दिसम्बर 2017 (रेई): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण रविवार 11 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

"पिछला रविवार हमने जागते रहने के निमंत्रण के साथ आगमन काल की शुरूआत की, आज, क्रिसमस की तैयारी के इस काल के दूसरे रविवार की धर्मविधि अपनी विषयवस्तु प्रस्तुत करती है। यह हमारे जीवन के खालीपन को पहचानने एवं उसे भरने का समय है, घमंड के खुरदरेपन को चिकना करने तथा येसु जो आ रहे हैं उनके लिए जगह बनाने का अवसर।"  

नबी इसायस बेबीलोन में प्रवास के अंत एवं येरूसालेम वापसी की घोषणा करते हैं, "यह आवाज आ रही है, निर्जन प्रदेश में प्रभु का मार्ग तैयार करो। हमारे ईश्वर के लिए मैदान में रास्ता सीधा कर दो।" (इसा. 40.3) घाटी भर दी जाये का अर्थ है ईश्वर के सामने व्यवहार के खालीपन को भरा जाना, हमारे सभी चूक के पापों को दूर करना।

संत पापा ने खालीपन का कारण बतलाते हुए कहा, "हमारे जीवन में खालीपन उस सच्चाई को दर्शाता है कि हम या तो प्रार्थना नहीं करते हैं अथवा बहुत कम प्रार्थना करते हैं। आगमन काल एक उपयुक्त समय है जब हम अधिक उत्साह के साथ प्रार्थना कर सकते हैं, आध्यात्मिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण समय सुरक्षित रख सकते हैं।"  

दूसरा खालीपन हो सकता है दूसरों के प्रति उदारता की कमी, विशेषकर, जिन्हें मदद की बहुत आवश्यकता है न केवल भौतिक किन्तु आध्यात्मिक भी। हम दूसरों की आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देने के लिए बुलाये गये हैं। इस तरह हम योहन बपतिस्ता के समान कई लोगों के शुष्क दिलों के रेगिस्तान में आशा का मार्ग तैयार कर सकते हैं।

"हरेक पहाड़ या पहाड़ी समतल की जाए।" (पद.4) नबी इसायस पुनः अपील करते हैं। पहाड़ और पहाड़ी जिन्हें समतल किया जाना है वे हैं, घमंड, अभिमान, उदंडता आदि। जहाँ घमंड है वहीँ उदंडता भी है और जहाँ घमंड है प्रभु वहाँ प्रवेश नहीं कर सकते क्योंकि वह हृदय घमंड, अभिमान एवं उदंडता से भरा है यही कारण है कि हमें इस घमंड को समतल किये जाने की आवश्यकता है। हमें विनम्रता एवं दीनता का मनोभाव धारण करना चाहिए, विनम्रता के साथ बातचीत करने के द्वारा मुक्तिदाता के आगमन की तैयारी करना जो स्वयं नम्र और विनीत हैं। (मती. 11,29).

हमें प्रभु के साथ संयुक्त होने की हर प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए कहा गया है, "खड़ी चट्टान को मैदान और कगार को घाटी बना दिया जाए। तब प्रभु ईश्वर की महिमा प्रकट हो जाएगी और सब शरीरधारी उसे देखेंगे।" (इसा. 40: 4-5) संत पापा ने कहा कि इन कार्यों को आनन्द से पूरा किया जाना चाहिए क्योंकि इनका उद्देश्य येसु के आगमन की तैयारी है। जब हम अपने घर में किसी प्रियजन का इंतजार करते हैं तब हम सब कुछ को ध्यान एवं खुशी पूर्वक पूरा करते हैं। उसी तरह हमें प्रभु के आगमन की तैयारी भी करनी चाहिए। प्रतिदिन उत्सुकता के साथ उनका इंतजार करना चाहिए ताकि जब वे आयें तब हम उनकी कृपा से भर जा सकें।  

संत पापा ने येसु के सामर्थ्य का बखान करते हुए कहा, "हम जिस मुक्तिदाता का इंतजार कर रहे हैं वह अपनी कृपा, पवित्र आत्मा की शक्ति एवं प्रेम के ताक‍त द्वारा हमारे जीवन को बदल डालने में समर्थ है। निश्चय ही, पवित्र आत्मा हमारे हृदयों में ईश्वर के प्रेम को भर देते हैं जो शुद्धीकरण, नये जीवन एवं मुक्ति का एक अतुलनीय स्रोत है।"  

धन्य कुँवारी मरियम ने इस सच्चाई को पूर्णता से जीया, अपने आप को पवित्र आत्मा से बपतिस्मा प्राप्त करने दिया जिन्होंने उन्हें अपने सामर्थ्य से भर दिया। वे जो अपने पूरे अस्तित्व से ख्रीस्त के आगमन की तैयारी कीं, हमें भी उनके उदाहरणों पर चलने में मदद करे तथा प्रभु जो आ रहे हैं उनसे मुलाकात करने में हमारा मार्गदर्शन करे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्रित तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने सूचनाएँ देते हुए कहा, "आज परमाणु हथियार को समाप्त करने के लिए चलाये गये अंतरराष्ट्रीय अभियान को नोवेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान संयुक्त राष्ट्र के विश्व मानव अधिकार दिवस के ही दिन दिया जाएगा। यह मानव अधिकार एवं परमाणु हथियार के निरस्त्रीकरण के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करता है। वास्तव में, सभी लोगों की मानव प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कार्य करना, खासकर, सबसे कमजोर एवं वंचित, का अर्थ है परमाणु हथियार के बिना विश्व के निर्माण हेतु दृढ़-संकल्प के साथ काम करना। ईश्वर हमें आम घर के निर्माण में एक साथ काम करने की क्षमता प्रदान करे। हमें स्वतंत्रता, बुद्धि एवं तकनीकी को संचालित करने की क्षमता प्रदान करे। शांति एवं सच्चे विकास की सेवा में हमारी शक्ति को सीमित रखने का बल प्रदान करें।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि "हमारा ग्रह शिखर सम्मेलन" कल पेरिस में होगा। पेरिस जलवायु समझौता को स्वीकार किये जाने के दो सालों बाद, इसका उद्देश्य है इसके कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना तथा जलवायु परिवर्तन की चिंताजनक परिस्थिति का सामना करने के लिए एक साझा रणनीति को मजबूत करना।" 

संत पापा ने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन एवं इस दिशा में अन्य सभी प्रयास, जलवायु परिवर्तन का सामना करने के प्रभावशाली निर्णयों की मांग की स्पष्ट जागरूकता को बढ़ावा दे सके तथा साथ ही साथ, गरीबी से लड़ने के लिए एवं समग्र मानव विकास को बढ़ावा दे सके।

इसके उपरांत संत पापा ने ओखी चक्रवात द्वारा प्रभावित भारतीयों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रकट करते हुए कहा, "मैं अपना सामीप्य ओखी चक्रवात से प्रभावित भारतीय जनता के प्रति प्रकट करना चाहता हूँ, विशेषकर, उन मछवारों के परिवार वालों के प्रति जो लापता हैं।" संत पापा ने अल्बानिया के लोगों की भी याद की जो बाढ़ से हुई क्षति के कारण पीड़ित हैं।

तत्पश्चात् उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित विभिन्न दलों का अभिवादन किया एवं उन्हें सुसमाचार के आनन्दमय साक्षी बनने का प्रोत्साहन दिया।

अंत में, संत पापा ने सभी को सुखद रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित करते हुए प्रार्थना का आग्रह किया तथा सभी को प्रभु के आगमन की तैयारी करने हेतु आगमन काल की यात्रा की शुभकामनाएं अर्पित की। 








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