2017-12-11 16:53:00

रोगी विश्व दिवस पर संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 दिसम्बर 2017 ( रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने अगामी 11 फरवरी 2018 को संपन्न होने वाले ‘रोगी विश्व दिवस’ के अवसर पर संदेश दिया। 11 फरवरी बीमारों का विश्व दिवस, संत पापा  जॉन पॉल द्वितीय ने 1992 में शुरू की थी। उन्होंने विश्वासियों से अनेक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना की अपील की थी। यह दिवस लूर्द की माता मरियम के स्मरणोत्सव के साथ मेल खाता है।

संत पापा फ्राँसिस ने संदेश में कहा कि बीमारों के लिए कलीसिया की सेवा और जो लोग उनकी देखभाल करते हैं उन्हें ईश्वर की आज्ञा के प्रति निष्ठावान रहकर और प्रभु के पद चिन्हों पर चलते हुए, नए सिरे से आगे बढ़ना चाहिए (सीएफ. लूकस 9: 2-6; मत्ती 10: 1-8; मारकुस 6: 7-13)

इस वर्ष बीमारों के विश्व दिवस के लिए विषय-वस्तु उन शब्दों के आधार पर उपलब्ध कराए गए हैं जिसे येसु ने क्रूस पर से अपनी माँ मरियम और योहन से बातें की थीः ″भद्रे ! यह आपका पुत्र है.......यह तुम्हारी माता है। उस समय से उस शिष्य ने उसे अपने यहाँ आश्रय दिया।″  (योहन 19:26-27).

 प्रभु के शब्द क्रूस के रहस्य को उजागर करते हैं, जो एक निराशाजनक त्रासदी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, बल्कि  क्रूस पर येसु ने अंत तक अपने प्यार को दिखाया और अपनी महिमा प्रकट की। यही प्यार येसु के प्रत्येक शिष्य के जीवन का आधार और ख्रीस्तीय समुदाय का नियम बन गया।  येसु के इन्हीं वचनों से माता मरियम अपने शिष्यों की माता और सारी मानवजाति की भी माता बन गई। माता अपने बच्चों की शारीरिक और आध्यत्मिक जरुरतों को ध्यान रखती है।

मंदिर में सिमेयोन की भविष्यवाणी ″एक तलवार आपके हृदय को आर पार करेगी (लूकस 2:35), ने माता मरियम को पंगु नहीं बनाया। क्रूस पर से येसु ने कलीसिया और मानवता के लिए अपनी चिंता दिखायी और मरियम ने उसी चिंता को साझा किया।

येसु के प्रिय प्रेरित योहन ने माता मरियम को अपने धर में आश्रय दिया। येसु ने अपने चेलों को अपनी माता के मातृत्व स्नेह और छत्रछाया के सपुर्द किया। माता मरियम के समान सभी प्रेरित ईश्वर के प्रेम को सभी लोगों के बीच साझा करने के लिए बुलाये गये हैं।

येसु जिसने अपने चेलों के साथ सबकुछ साझा किया था, प्रिय योहन को मालुम था कि येसु उन्हें पिता ईश्वर का ओर ले जाना चाहते थे। येसु ने अनेक लोगों की शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक बिमारियों से चंगाई प्रदान की।  उन्होंने ईश्वर की दया और क्षमा को प्रकट किया।

संत पापा ने बीमारों की सेवा में येसु द्वारा कलीसिया के मिशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि येसु ने कलीसिया के अपनी चंगाई शक्ति सौंपी है ″जो मुझपर विश्वास करने वाले ये चमत्कार दिखाया करेंगे.... वे रोगियों पर हाथ रखएंगे और रोगी स्वस्थ हो जायेंगे।(मरकुस 16:17-18). प्रेर्त चरित में भी हम संत पेत्रुस और पौलुस द्वारा बीमारों को तंगा करने के बारे में हम पाते हैं।कलीसिया का मिशन है कि वह बीमारों के प्रभु के चरणों में रखे। संत पापा ने कलीसिया के स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों और संगठनों के साथ साथ उन परिवारों को भी याद किया जो गंभीर बीमार या गंभीर रूप से विकलांग बच्चों, माता-पिता और रिश्तेदारों की देखभाल करते हैं। संत पापा ने बीमारों के 26वें विश्व दिवस पर भी डाक्टरों नर्सों पुरोहितों धर्मबहनों परिवार के लोगों को माता मरियम के ममतामयी आँचल तले सिपुर्द किया जो उनसाह के साथ कलीसिया के मिशन को जारी रखते हैं। माता मरियम बीमार सोगों को अपनी बामारी में प्रभु से जिड़े रहने का अनुभल मिले। संत पापा सभी बीमारों , स्वास्थ्यसेवा श्रमिकों और स्वयंसेवकों को सस्नेह अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान करते हैं।  








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