वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 8 दिसम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्रांसिस ने उचित संयुक्त राष्ट्र संकल्प के अनुसार जैरूसालेम की यथापूर्व स्थिति के प्रति सम्मान की अपील की है।
जैरूसालेम को इसराएल की राजधानी घोषित किये जाने की अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की घोषणा से पहले बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा था कि उनके विचार जैरूसालेम की ओर अभिमुख हो रहे थे और वहाँ विगत दिनों उत्पन्न परिस्थितियों को वे नज़र अन्दाज़ नहीं कर सकते थे। अरबी नेताओं ने भी चेतावनी दी थी कि इससे तवान सघन होंगे तथा हिंसा को प्रश्रय मिलेगा।
सन्त पापा ने कहा, "मैं प्रत्येक से हार्दिक अपील करता हूँ कि वे संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों के अनुरूप, जैरूसालेम शहर की स्थिति को मानने के लिये अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करें।" जैरूसालेम की अद्वितीय स्थिति पर सन्त पापा ने कहा, "जैरूसालेम यहूदी, ख्रीस्तीय एवं इस्लाम तीनों धर्मों के लोगों के लिये पवित्र शहर है तथा शांति निर्माता बनना इसकी विशेष बुलाहट है।"
उन्होंने कहा, "मैं प्रभु ईश्वर से विनती करता हूँ कि जैरूसालेम की पहचान कायम रहे तथा पवित्र भूमि, मध्य पूर्व एवं सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु वह सशक्त बने। साथ ही मेरी मंगलकामना ही कि पहले से ही क्रूर संघर्षों से घिरी वैश्विक पृष्ठभूमि में और अधिक तनावों को जुड़ने से रोकने के लिये विवेक एवं सूज-बूझ प्रबल रहे।"
बुधवार को वाटिकन में धार्मिक एवं बुद्धिजीवी नेताओं के फिलीस्तीनी प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात करने से पहले सन्त पापा ने सम्वाद एवं पवित्र भूमि में निवास करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों के सम्मान का आह्वान किया था।
गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस एवं तुर्की के राष्ट्रपति ताईप एरदोगान के बीच हुई टेलीफोन वार्ता पर एरदोगान के कार्यलय ने बताया कि सन्त पापा फ्राँसिस इस बात पर सहमत हैं कि जैरूसालेम की स्थिति को परिवर्तित करने के किसी भी प्रयास को रोका जाना अनिवार्य है।
टेलावीव से जैरूसालेम अमरीकी राजदूतावास के स्थानान्तरण पर राष्ट्रपति ट्रम्प की घोषणा की विश्व के कई नेताओं ने आलोचना की है। उनका कहना था कि अमरीका ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी नीति बदल दी है। राष्ट्रपति ट्रम्प की घोषणा के बाद ग़ज़ा पट्टी, इसराइली अधिकृत पश्चिमी तट तथा जॉर्डन में भी विरोध प्रदर्शन किये गये।
इसी बीच, गुरुवार को भारत ने डॉनल्ड ट्रम्प की उक्त घोषणा पर टीका से इनकार दिया। भारत ने कहा है कि फिलीस्तीन पर उसकी स्थिति "स्वतंत्र एवं सम्बद्ध" है।
ट्रंप की दलील है कि वे द्विराष्ट्र समाधान के पक्ष में हैं। उनके अनुसार इससे सन् 1967 से पहले युद्धविराम के वक्त, पश्चिमी तट, ग़ज़ा पट्टी और पूर्वी जैरूसालेम के लिए निर्धारित सीमाओं के अनुसार, एक नवीन और स्वतंत्र फिलीस्तीन का जन्म हो सकेगा जो इसराइल के साथ शांति से एक पड़ोसी की तरह रह सकेगा।
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