2017-11-24 11:50:00

सन्त पापा फ्राँसिस की म्यानमार एवं बंगलादेश यात्रा "आशा का सेतु"


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 नवम्बर सन् 2017 (रेई,वाटिकन रेडियो): म्यानमार एवं बंगलादेश में 27 नवम्बर से दो दिसम्बर तक सन्त पापा फ्राँसिस की फिलीपिन्स के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल तागले ने कहा है कि हालांकि इन दोनों ही देशों में काथलिकों की संख्या अल्प है तथापि  सन्त पापा की उपस्थिति सुसमाचार द्वारा प्रस्तुत "आशा का सेतु" बन सकती है।

मनीला के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल लूईस अन्तोनियो तागले ने वाटिकन रेडियो से सन्त पापा की म्यानमार एवं बंगलादेश यात्रा पर बातचीत करते हुए कहा कि यह प्रेरितिक यात्रा सम्पूर्ण एशिया की कलीसिया के लिये गर्व और आनन्द का विषय है। उन्होंने कहा, "हम खुश हैं कि सन्त पापा म्यानमार एवं बंगलादेश की यात्रा कर रहे हैं जहाँ काथलिक धर्मानुयायी अल्पसंख्यक हैं।"  

उन्होंने कहा कि इतिहास के इस क्षण में "सन्त पापा फ्राँसिस की एशियाई यात्रा अति महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल म्यानमार एवं बंगलादेश में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण एशिया की राजनैतिक एवं मानवतावादी स्थिति अति गम्भीर है।"  

कार्डिनल तागले ने कहा, "ख्रीस्त का सुसमाचार लोगों को प्रेम में एकजुट होने के लिये आमंत्रित करता है और हमारी आशा है कि इस प्रेरितिक यात्रा का परिणाम यही हो।"   

19 नवम्बर को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित "निर्धनों को समर्पित विश्व दिवस" पर बोलते हुए कार्डिनल तागले ने कहा कि यह दिवस हम सब को हमारे ज़रूरतमन्द भाइयों की मदद हेतु आमंत्रित करता है, क्योंकि देने से हम खाली नहीं हो जाते बल्कि और अधिक सम्पन्न और समृद्ध बनते हैं। उन्होंने कहा, "निर्धनों में ईश्वर की उपस्थिति को पहचानकर ही हम उनकी मदद कर पायेंगे तथा उनकी मानव मर्यादा को पहचान पायेंगे।"








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