2017-11-23 16:08:00

दक्षिण सूडान एवं कोंगो में शांति हेतु प्रार्थना


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 23 नवम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने 23 नवम्बर को शाम 5.30 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर में दक्षिण सूडान एवं कोंगो में शांति हेतु प्रार्थना की घोषणा की है।

इस प्रार्थना सभा का आयोजन "दक्षिण सूडान के साथ एकात्मता" में शांति एवं न्याय कार्यालय के विश्वव्यापी धार्मिक संगठनों के तत्वधान में किया गया है जो विश्व के सभी ख्रीस्तीयों को विश्व शांति हेतु प्रार्थना में भाग लेने का निमंत्रण देता है, खासकर, दक्षिण सूडान एवं कोंगो जहाँ संघर्ष जारी है और जिसके कारण लाखों लोग विस्थापित हैं तथा हिंसा के दुष्प्रभाव एवं भयंकर मानवीय संकट झेल रहे हैं।

काथलिक उदारता संगठन कारीतास इंटरनैशनल के सचिव मिखाएल रोय ने वाटिकन रेडियो से कहा कि उदासीनता को तोड़ना अत्यन्त महत्वपूर्ण है जो विश्व के कई भूले संघर्षों के आसपास एवं सामाजिक तथा आर्थिक अन्याय की परिस्थिति के कारण महसूस किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "हमने दक्षिण सूडान एवं कोंगो को उदाहरण के तौर पर चुना है जहाँ के लोग संघर्ष के कारण बहुत अधिक पीड़ा सह रहे हैं जिसको वे नहीं चाहते किन्तु वे उसी के शिकार बन रहे हैं।"   

रोय ने कहा कि राजनीतिक एवं आर्थिक फायदा जो संघर्ष के ईंधन का काम कर रहा है, दोनों ही देशों में सुरक्षा का अभाव है इस अभाव के कारण लाखों लोगों विस्थापित हैं तथा विस्थापन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

लोगों की आवश्यकताएँ अनेक हैं, वे भूखे हैं, उन्हें भोजन एवं दवा की आवश्यकता है। खाद्य और कृषि संगठन (फाओ) ने एक मानवीय कार्यक्रम की शुरूआत की है जो केवल आंशिक रूप से वित्त पोषित है एवं पर्याप्त नहीं है।

स्कूल एवं गिरजाघर ढाह दिये गये हैं। युवाओं को देश की रक्षा हेतु नियुक्त किया गया है तथा अंतरराष्ट्रीय मदद के अभाव में उनके लिए आशा का कोई स्रोत नहीं है।

रोय का कहना था कि सभी स्तरों पर राजनेताओं को जुटाने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव डालने की आवश्यकता है ताकि इस त्रासदी से बाहर आने के तरीके की खोज की जा सके और शांति प्राप्त की जा सकती है किन्तु सवाल है शांति की चाह रखने की। 








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