2017-11-22 15:29:00

धर्माध्यक्ष ने भारत की धर्मनिरपेक्षता को एक झूठ कहने के लिए राजनेताओं की आलोचना की


नई दिल्ली, बुधवार 22 नवम्बर 2017 (उकान) : ″अधिकांश हिंदू अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णु हैं, लेकिन राजनेताओं ने अन्य जरुरी मामलों से विचलित करने के लिए जानबूझकर समस्याएं पैदा की हैं।″ उक्त बात भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव ने कहा।

धर्माध्यक्ष थेओदोर मस्करेन्हास  भारत के सत्तारूढ़ हिन्दू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता के प्रति प्रतिक्रिया कर रहे थे जिन्होंने सरकारी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को अस्वीकार किया दिया।

भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के 45 वर्षीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में शासन सबसे अच्छा पंथ-तटस्थ हो सकता है। "कोई सिस्टम धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता," उन्होंने 13 नवंबर को एक समारोह में कहा था।

धर्माध्यक्ष मस्करेन्हास ने कहा कि इस मुद्दे को ज्यादा जरुरी मामलों से लोगों का ध्यान भंग करने के लिए उठाया गया है। आदित्यनाथ को आम लोगों के विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्हें उन मुद्दों के बारे में बात नहीं करना चाहिए जिसका उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता।

 उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ द्वारा सार्वजनिक टिप्पणियों की परवाह किए बिना भारत में एक धर्मनिरपेक्ष संविधान है।

केसर वस्त्रधारी योगी आदित्यनाथ ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को हिंदू भगवान राम के राम राज्य से तुलना की थी। राम भगवान बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि "असली राम" ने सहिष्णुता, शांति, न्याय और सद्भाव का प्रतिनिधित्व किया था।" हालांकि, राजनेता, इसके विभिन्न परिभाषाओं को खत्म कर रहे हैं।"

विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने भी पिछले बहस का मूल्यांकन कर अपने एक ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, "योगी आदित्यनाथ कहते हैं धर्मनिरपेक्षता एक झूठ है और मोदी की सरकार को राम राज्य की तुलना करते हैं।″  सिब्बल ने कहा कि यह आदित्यनाथ था जो झूठ बोल रहा था।

हिंदू पुजारी-राजनीतिज्ञ आदित्यनाथ, जो इस साल मार्च में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, भारत में भाजपा के नए चेहरे के रूप में कई राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा देखे जाते हैं। वे राज्य के विख्यात गोरखनाथ शिव मंदिर के प्रमुख पुजारी भी हैं।








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