2017-11-17 11:52:00

कॉप 23 जलवायु सम्मेलन को सन्त पापा ने भेजा पत्र


बॉन, जर्मनी, शुक्रवार, 17 नवम्बर 2017 (रेई,वाटिकन रेडियो): जर्मनी के बॉन शहर में 06 से 17 नवम्बर तक जारी कॉप 23 जलवायु सम्मेलन को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक पत्र भेजकर विश्व के नेताओं से "उच्च स्तरीय सहयोग" कायम करने की अपील की है।

सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे फीजी द्वीप के प्रधान मंत्री फ्रैंक बायनीमारामा के नाम प्रेषित पत्र में सन्त पापा फ्राँसिस ने "धरती के भविष्य के निर्माण" पर नवीकृत और रचनात्मक वार्ताओं का आह्वान किया।      

उन्होंने कहा, "इस समय ज़रूरत है ऐसे आदान-प्रदान की जो सबको एकीकृत करे इसलिये कि जिस पर्यावरणीय चुनौती का हम सामना कर रहे हैं वह हम सब से जुड़ी है तथा हम सब को प्रभावित करती है।" 

सम्मेलन के प्रतिभागियों को सन्त पापा ने चेतावनी दी कि वे "धरती के भविष्य विषयक चार विकृत व्यवहारों के प्रलोभन में न पड़ें जो हैं: इनकार, उदासीनता, उपेक्षाभाव और अपर्याप्त समाधानों में विश्वास।" उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार या दृष्टिकोण ईमानदार खोज एवं यथार्थ वार्ता को बाधित करता है। 

उन्होंने आशा व्यक्त की कि कॉप 23 में भाग लेनेवाले विश्व के नेता और प्रतिनिधि कॉप 21 की नबूवती भावना से ओत्-प्रोत रहकर धरती एवं उसके संसाधनों की सुरक्षा हेतु अपनी वचनबद्धता को नवीकृत करेंगे।

जलवायु परिवर्तन पर ऐतिहासिक पेरिस समझौते के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि यह समझौता "आर्थिक विकास, एकात्मता के प्रोत्साहन तथा जलवायु परिवर्तन एवं निर्धनता जैसी समस्याओं का मुकाबला करने हेतु कम-शून्य-कार्बन मॉडल का एक स्पष्ट रास्ता दर्शाता है।"

सन्त पापा ने कहा कि पेरिस समझौते को प्रभावी बनाकर विश्व के सर्वाधिक कमज़ोर वर्ग की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हम विकास को केवल आर्थिक एवं प्रौद्योगिक आयाम तक ही सीमित नहीं रख सकते बल्कि हमें इसके सामाजिक एवं नैतिक प्रभावों पर भी ध्यान देना होगा।" 








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