2017-11-15 16:34:00

एशिया शिखर सम्मेलन, रोहिंग्या संकट : वार्ता में आंग सान सू की


मनिला, बुधवार,15 नवम्बर 2017 (उकान) : बर्मा की नेता आंग सान सू की को रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। 14 नवम्बर को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेरेस और अमेरिका के महासचिव रेक्स तिल्लेरसोन से मुलाकात की। 31वाँ एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन मनिला में किया गया है। इसमें दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र (एएसइएएन), संगठन के 10 सदस्य देशों की उपस्थिति में और 10 से अधिक "वार्ता साझेदार" देश हैं।

"महासचिव गुट्टेरेस ने रोहिंग्या समाधान हेतु इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवतावादी पहुंच, सुरक्षित, प्रतिष्ठित, स्वैच्छिक वापसी सुनिश्चित करने के लिए मजबूत समुदायों के बीच सच्ची सुलह, आवश्यक हो,"

वाशिंगटन अपने बयान में सावधानी बरतते हुए रखाइन की स्थिति पर और नेता आंग सान सू की की खुली आलोचना नहीं की।

एएसइएएन नेताओं के साथ बातचीत के दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेरेस म्यांमार के रखाइन प्रांत के लोगों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सैकड़ों हजारों रोहिंग्या लोगों का पलायन त्रासदी में चिंताजनक वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने क्षेत्र में अस्थिरता के संभावित स्रोत के रूप में स्थिति का वर्णन किया।

इस बीच, शक्तिशाली बर्मा सेना, तातमादाव के शीर्ष अधिकारियों ने सैनिकों के सामान्य जिम्मेदारियों को हटाने का आदेश दिया है। अमेरिका के महासचिव  रेक्स टिलरसन और बर्मी सेना के बीच एक बैठक के बाद पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल माउग माउग सू का हस्तांतरण किया गया। तथा वर्तमान संविधान के तहत आंग सान सू की ने उनके अधिकार को सीमित कर दिया है।








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