2017-11-11 14:59:00

सीइआई सम्मेलन के प्रतिभागियों को संत पापा का वीडियो संदेश


वाटिकन सिटी, शनिवार, 11 नवम्बर 2017 ( रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने परिवारिक प्रेरिताई हेतु बनी इटली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा आयोजित प्रेरितिक उद्बोधन ‘अमोरिस लेतित्सिया’ के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को अपना वीडियो संदेश दिया।

संत पापा ने कहा कि इस सम्मेलन का प्रस्तावित विषय "चेतना और नियम के बीच प्रेम का सुसमाचार," आज के समय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज इटली की कलीसिया जिस मार्ग पर अग्रसर है और आज की युवा पीढ़ियों के हृदयों में उभरे पारिवारिक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उपयुक्त है। पुरुष और स्त्री के बीच प्यार सदियों से आ रही मानवीय अनुभवों में से एक है, यह मुलाकात की संस्कृति का उदय है और वर्तमान में विश्व को सामाजिकता का एक इंजेक्शन देता है : वास्तव में "अच्छा परिवार, विश्व और कलीसिया के भविष्य का निर्णायक है।"

शादी के बदौलत शुरु हुए परिवार में आपसी बंधन मजबूत रहता है जो कि अति विशिष्ट व्यक्तिवाद के लिए सबसे प्रभावी उपाय है; हालांकि, वैवाहिक प्रेम और पारिवारिक जीवन के रास्ते में ऐसे हालात आ जाते हैं जिनके लिए ईमानदारी के साथ चुनाव करने की जरुरत पड़ती है। पारिवारिक में, कभी-कभी प्रत्येक के आध्यात्मिक जीवन में कठिनाईयाँ आती हैं। दम्पतियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें अपने माता-पिता को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए और सुसमाचार को जीवन की संकीर्णता पर लागू करने की प्रतिबद्धता के साथ उनका साथ देना चाहिए। दूसरी ओर, हम अच्छी तरह जानते हैं कि "हम अपने विवेक, अपनी आत्मा की सही आवाज को जीने के लिए बुलाये गये हैं न कि सही जीवन जीने का ढोंग करने के लिए।"

संत पापा ने स्वार्थी लोगों का उदाहरण देते हुए कहा, "दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अहंवाद की बात करते हैं और अहंवाद की सच्ची पूजा भी करते हैं जिसकी वेदी पर वे सब कुछ बलिदान करते है, जिसमें अपने प्रिय लोगों का प्रेम भी शामिल है। यह परिप्रेक्ष्य हानिरहित नहीं है : इसमें वह अपने आप को आईने में निरंतर देखता है, जब तक कि वह अपनी आँखों को दूसरों और दुनिया को देखने हेतु बदलने में असमर्थ न हो जाये। यह मनोभाव जीवन के सभी प्रेम और संबंधों के प्रति गंभीर परिणाम लाता है। यह एक "प्रदूषण" है जो आत्मा को हानि पहुंचाता है तथा दिल और दिमाग को भ्रमित करता है। यह झूठे भ्रम पैदा करता है।

संत पापा ने रोमानो गार्डिनी की ‘चेतना’ विषय पर लिखे एक किताब का उदाहरण दिया जो वास्तविक सच्चाई की खोज का रास्ता बताती है। हर किसी के अंदर एक जगह है जहां रहस्य प्रकट होता है और वह अपने जीवन इतिहास के नायक के रूप में उभरता है। द्वितीय वाटिकन महासभा के अनुसार ‘चेतना’ - "सबसे गुप्त स्थान और मनुष्य का मंदिर है, जहां वह अकेला ईश्वर के साथ है जिसकी आवाज़ अंतर आत्मा में गूँजती है।"

संत पापा ने कहा कि सभी ख्रीस्तीयों को जागरूक होना चाहिए ताकि दिव्य अनुग्रह में इस प्रकार के संदूक में कमी न हो, जो विवाहित प्रेम को मजबूत करती और पारिवारिक मिशन को रोशनी प्रदान करती है। आज परिवारों के लिए काना के विवाह के चमत्कार के नवीनीकरण की जरुरत है।

संत पापा ने कहा कि येसु ने काना भोज में पानी को दाखरस में बदल कर एक नये सुप्रभात का संकेत दिया। उन्होंने मूसा के कानून को बदल दिया। दया की खुशी द्वारा हृदय की कठोरता को ठीक कर दिया। येसु ने विशेष रूप से दया की दवा से पति और पत्नी के बीच संबंधों तथा माता-पिता और बच्चों के बीच संबंधों को पुनर्स्थापित किया है।

संत पापा ने प्रेरितिक उद्बोधन ‘अमोरिस लेतित्सिया’ के विषय और शैली को आत्मसात करने तथा विकसित करने हेतु शुभकामनायें देते हुए अपना संदेश समाप्त किया जो इटली की पल्लियों, परिवारों और समुदायों में सुसमाचार की खुशी को जीने में सहायक हो सके। 








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