2017-11-09 16:31:00

कलीसिया के विकास के लिए शुद्धिकरण की आवश्यकता


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 नवम्बर 2017 (रेई): ″गिरजाघर का निर्माण, गिरजाघर की रखवाली तथा गिरजाघर का शुद्धिकरण।″ इन तीन कार्यों पर बृहस्पतिवार को संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तीयाग प्रवचन में प्रकाश डाला।

रोम स्थित सभी गिरजाघरों की माता लातेरन महागिरजाघर के प्रतिष्ठापन महापर्व के दिन अपने प्रवचन में संत पापा ने इसकी पदवी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य घमंड के लिए नहीं वरन् सेवा एवं प्रेम प्रकट करने के लिए है।

संत पापा ने कहा, ″गिरजाघर का निर्माण किस नींव पर किया गया है? क्या इसकी नींव येसु ख्रीस्त पर स्थापित है?   

उन्होंने कहा कि इस घर में येसु ही कोने के पत्थर हैं। येसु के बिना कोई गिरजाघर नहीं होता क्योंकि उनके बिना कोई नींव ही नहीं है और यदि एक गिरजाघर का निर्माण नींव के बिना किया जाए तो उसका क्या होगा? वह निश्चय ही गिर जाएगा। उसी प्रकार यदि किसी गिरजाघर (कलीसिया) में येसु उपस्थित नहीं हैं तो वह अपने आप ध्वस्त हो जाएगा।  

संत पापा ने प्रश्न किया, ″और हम क्या हैं? क्या हम जीवित पत्थर हैं?″ हालांकि हम सभी एक समान नहीं हैं किन्तु इसी विविधता में हमारी समृद्धि है। ईश्वर की कृपा के आधार पर हरेक कलीसिया का निर्माण करता है। हम एकरूप कलीसिया की कल्पना नहीं कर सकते। यह कलीसिया का स्वभाव नहीं है।

संत पापा ने विश्वासियों को परामर्श दिया कि वे कलीसिया की रखवाली ईश्वर की आत्मा पर ध्यान रखते हुए करें जो हममें निवास करते हैं।

उन्होंने कहा, ″कितने ख्रीस्तीय हैं जो आज येसु ख्रीस्त को जानते हैं, पिता को पहचानते हैँ? जब हम पवित्र आत्मा के बारे बात करते हैं तो उसे एक कबूतर तक ही समझते हैं। पवित्र आत्मा कलीसिया का जीवन है, यह आपका और मेरा जीवन है... हम पवित्र आत्मा के मंदिर हैं। संत पौलुस कहते हैं कि हमें पवित्र आत्मा को निराश नहीं करना चाहिए अर्थात् कलीसिया एवं अपने अंतरतम में पवित्र आत्मा के साथ जीवन बिताना चाहिए। वे ही कलीसिया रूपी मकान में सामंजस्य ला सकते हैं।

अंततः संत पापा ने कलीसिया के शुद्धिकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ″हम सभी पापी हैं। यदि आप में से कोई पापी नहीं है तो वह अपना हाथ उठाये क्योंकि उसको देखने की उत्सुकता जरूर होगी। हम सब के सब पापी हैं यही कारण है कि हमारे लगातार शुद्ध किये जाने की आवश्यकता है। साथ ही साथ, समुदाय के शुद्धिकरण की भी, विशेषकर, धर्मप्रांतीय समुदाय, ख्रीस्तीय समुदाय, विश्वव्यापी कलीसियाई समुदाय की ताकि यह बढ़ सके। 








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