2017-11-08 14:32:00

संथाल ख्रीस्तीयों पर हुए हमले के एक साल बाद भी कोई न्याय नहीं


गायबंधा, बुधवार 8 नवम्बर 2017 (एशियान्यूज) : बांग्लादेश के गायबंधा जिले में भू-विवाद पर पुलिस द्वारा हिंसक हमले के एक साल बाद, संथाल ख्रीस्तीय लोग अभी भी हिंसा के भय में जी रहे हैं। तब से, वे वापस अपने घरों में नहीं जा पाये हैं और अभी तक उनकी जब्त की गई संपत्ति वापस नहीं हुई है।

एक वर्ष की घटना की स्मृति को जीवित रखने के लिए, बागड़ा फार्म भूमि उद्धार संग्राम समिति ने गोविंदगंज में उस हमले को दर्शाते हुए एक जुलूस का आयोजन किया जिसमें करीब 1500 आदिवासी ख्रीस्तीय संथालों को बेघर किया गया था।

6 नवम्बर 2016 को भूमि विवाद को लेकर मुसलमानों की भीड़ और पुलिस के एक दल ने स्थानीय ख्रीस्तीयों पर हमला किया था। इस संघर्ष में तीन ख्रीस्तीयों की मृत्यु हुई थी और नौ एजेंटों सहित लगभग 30 लोग घायल हो गये थे।

मरियमपुर पल्ली के संथाल काथलिक सेबास्टियन होम्ब्रोम ने एशियान्यूज को बताया कि अपराधियों ने पुलिस की मदद से उनपर हमला कर दिया और उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया। उसने कहा,"एक साल बाद, पुलिस ने अभी तक उनकी जांच पूरी नहीं की है हम कोई प्रगति नहीं देखते हैं और हम चिंतित हैं। हमने न्याय और हमारी भूमि वापस लौटाने की मांग की है तथा हम सुरक्षा भी चाहते हैं।"

मरियमपुर के पल्लीपुरोहित फादर सिमोन मरांडी, जो स्वंय संथाल आदिवासी हैं, ने कहा,″ख्रीस्तीय चिंतित हैं क्योंकि हमपर अत्याचार हुआ है। हमें न्याय नहीं मिला। हमें हमारी जमीन वापस चाहिए। हम सभी भय में जीते हैं।″ उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो हमलावर और अधिक हमला करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।"

गत वर्ष हमले में ख्रीस्तीयों के 1500 घर जलाये गये थे और उनकी सारी सम्पति चुरा ली गई थी।

एक स्थानीय राजनीतिज्ञ और सपामारा यूनियन के उप-जिला के अध्यक्ष सहित 33 लोगों के खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरु किया गया जिसमें सिर्फ तीन को जेल लिया गया पर बाद में उन्हें भी बेल में छोड़ दिया गया।

पुलिस अधिकारी अनवर हुसैन ने जांच करने के लिए आवश्यक समय की वजह को देरी का कारण बताया। साथ ही हमले के शिकार लोग पर्याप्त सबूत देने में असमर्थ थे।








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