2017-10-31 15:56:00

कब्रस्थान को प्लास्टिक से न सजाएँ: गोवा कलीसियाई अधिकारी


पाणाजी, मंगलवार, 31 अक्तूबर 2017 (मैटर्स इंडिया): काथलिक कलीसिया में 2 नवम्बर को सभी मृत विश्वासियों को विशेष रूप से याद करते हुए उनके लिए प्रार्थना की जाती है एवं उनके सम्मान में कब्रों पर श्रृंगार किये जाने की परम्परा है जबकि गोवा के विश्वासियों ने कब्रों की सजावट में प्लास्टिक एवं विषाक्त वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करने का निश्चय किया है ताकि प्रदूषण रोकने एवं पर्यावरण की देखभाल में योगदान दिया जा सके।

कलीसिया के समाज कल्याण विभाग ने राज्य के सभी पल्लियों को पत्र भेजकर पल्ली पुरोहितों से आग्रह किया है कि मृत विश्वासी दिवस पर जब काथलिक विश्वासी कब्रस्थान जाकर अपने मृत प्रियजनों के लिए प्रार्थना करेंगे एवं कब्रों का श्रृंगार करेंगे तो वे उस प्रकार की वस्तुओं का प्रयोग न करें।

काथलिक करीतास द्वारा प्रेषित पत्र में कहा गया है कि ″हम अपने पल्लियों में कई पर्वों को मनाने वाले हैं। हम शीघ्र ही मृत विश्वासियों का पर्व भी मनायेंगे जहाँ हम कब्रों को सजाते हैं और जिसके लिए प्लास्टिक, थरमाकोल एवं चाँदी पन्नी से बने श्रृंगार का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से सभी विघटन रहित और विषाक्त हैं अतः सभी पल्लियों से जोरदार अपील की जाती है कि वे विषाक्त वस्तुओं का प्रयोग कब्रों की सजावट के लिए न करें।″ 

काथलिक करीतास द्वारा की गयी यह अपील संत पापा के उस सलाह से प्रेरित है जिसमें उन्होंने विश्व भर के काथलिकों से आग्रह किया है कि हम पर्यावरण के पतन एवं अपशिष्ट को कम करने के लिए अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लायें। 

पत्र में कहा गया है कि यदि हम प्लास्टिक एवं विषाक्त वस्तुओं के प्रयोग पर गंभीरता पूर्वक रोक लगायेंगे तो हम महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं। गोवा में 1.5 मिलियन आबादी में से एक तिहाई लोग काथलिक हैं।








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