2017-10-28 16:50:00

संत पापा एवं अंगलिकन धर्मगुरू ने दक्षिणी सूडान में शांति की अपील की


वाटिकन सिटी, शनिवार, 28 अक्टूबर 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 27 अक्टूबर को कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे के साथ, रोम स्थित अंगलिकन केंद्र के नवनियुक्त निदेशक महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्ड नताहोतुरी से मुलाकात की तथा उन्होंने दक्षिणी सूडान के नेताओं से शांति स्थापना हेतु अपील की।

वाटिकन के प्रेरितिक प्रासाद में आधा घंटा बातचीत करने के पश्चात् अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष एवं उनकी पत्नी ने वार्ता जारी रखने हेतु संत पापा के साथ दोपहर का भोजन किया।

जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार को अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे ने रोम के काराविता गिरजाघर में महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्ड नताहोतुरी का, परमधर्मपीठ के आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठापन समारोह सम्पन्न किया। वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गल्लाघर जो बुरूँडी में प्रेरितिक राजदूत के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं, समारोह में प्रवचन दिया जिसमें उन्होंने  ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता से जुड़ने को, सभी ख्रीस्तीयों के लिए एक नैतिक आवश्यकता बतलाया। 

वाटिकन पत्रकार फिलीपा हेचेन से बातें करते हुए महाधर्माध्यक्ष वेलबे ने संत पापा के साथ उनकी मुलाकात एवं युद्धग्रस्त दक्षिणी सूडान में उनके संयुक्त दौरे पर योजना का जिक्र किया।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि संत पापा के साथ उनकी मुलाकात ″बहुत अर्थपूर्ण, आनन्दमय, विनोदात्मक, आरामदायक किन्तु काफी विचारशील था,″ खासकर, उन्होंने संघर्ष, मानव तस्करी और बिखरे विश्व में कलीसिया की एकता की आवश्यकता आदि विषयों पर आपसी चिंता के संदर्भ में बातें कीं।

एंग्लिकन-कैथोलिक संवाद में प्रगति

उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट किया कि अपने पूर्वाधिकारियों के समान, अपनी रोम यात्रा में उन्होंने धर्माध्यक्षीय अंगूठी धारण किया जिसको संत पापा पौल षष्ठम ने महाधर्माध्यक्ष मिखाएल रामसे को सन् 1966 में प्रदान किया था। उन्होंने बतलाया कि उस समय से लेकर अब तक के इस समय अंतराल में आपसी एकता में बहुत अधिक प्रगति हुई है।

यूखरिस्त में विभाजन

यूखरिस्त में एकता की कमी पर गौर करते हुए महाधर्माध्यक्ष वेलबे ने याद किया कि लम्बेत भवन में, संत अन्सेलेम समुदाय के काथलिक एवं गैरकाथलिक युवा सदस्यों के साथ उन्होंने ख्रीस्तयाग अर्पित किया था। जिसमें उन्होंने अनुभव किया कि वह दुःखद था किन्तु उन्हें लगता है कि यह दूसरी ओर एक साकारात्मक दर्द है जो हमें एकता हेतु अधिक परिश्रम करने के लिए दबाव डालता है।

दक्षिणी सूडान के नेताओं से अपील

दक्षिणी सूडान में संयुक्त दौरे के बारे पूछे जाने पर अंगलिकन धर्माध्यक्ष ने कहा कि जब हमारे बीच भारी अंतर प्रतीत हो तो इसी तरह का संयुक्त दौरा किया जाना चाहिए एवं शांति की दिशा में संतुलन बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत पापा के साथ उन्होंने राजनीतिक नेताओं से अपील की है कि वे हिंसा से दूर रहें एवं दक्षिणी सूडान के लोगों की चिंता करें। उन्होंने उत्तरी यूगांडा में एक शरणार्थी शिविर के दौरे की याद की जहाँ हिंसा से बचने हेतु विस्थापित 260,000 शरणार्थी रहते हैं। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हम राजनीतिक नेताओं के मन-परिवर्तन के इंतजार में हैं और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

असहमति से लकवाग्रस्त न हो जाएँ

अंगलिकन जगत में विभाजन, खासकर, समलैंगिकता को लेकर, अपना विचार रखते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि ″हम असहमति के कारण लकवाग्रस्त होकर नहीं रह सकते जिसको इस समय लगभग सभी कलीसियाएँ झेल रही हैं।″ उन्होंने कहा कि असहमत होना अवश्यम्भावी है किन्तु हमें ख्रीस्त के बुलावे पर ध्यान देना चाहिए जो हमें गरीबों की सेवा में एकजुट होने के लिए बुलाते हैं। सुसमाचार प्रचार से हमें कोई विचलित नहीं कर सकता।








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