2017-10-20 11:41:00

शरणार्थी संरक्षण अमूर्त अवधारणा नहीं, वाटिकन के महाधर्माध्यक्ष


जिनिवा, शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष इवान यूरकोविट्स ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर शरण का निवेदन करनेवालों की सुरक्षा एक अमूर्त अवधारणा नहीं है।   

17 एवं 18 अक्टूबर को, शरणार्थी समस्या पर विचार विमर्श हेतु जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों के प्रतिनिधियों की सभा में परमधर्मपीठीय पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष यूरकोविट्स ने कहा कि शरणार्थियों की सुरक्षा ऐसी गतिक कार्यवाही होनी चाहिये जिसका लक्ष्य व्यक्ति की सुरक्षा एवं उसकी मानव गरिमा की रक्षा हो।  

उन्होंने कहा कि शरण प्रदान करने हेतु आवेदनों को स्वीकार करने में कठोर नीतियाँ अथवा लंबी कार्यवाही नहीं होनी चाहिये इसलिये कि बहुत बोझल और जटिल तंत्र लोगों की सुरक्षा को ख़तरे में डाल देता है।

इसके लिए, उन्होंने कहा कि शरण प्रदान करनेवाले देशों को समर्थन प्रदान करना आवश्यक बताया। महाधर्माध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि, "सीमा नियंत्रण और शरणार्थियों की भलाई के बीच कोई विरोधाभास नहीं है बल्कि दोनों आयामों को मजबूत किया जाना अनिवार्य है।"

उन्होंने व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को अपनाने की सिफारिश की जो देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और साथ ही सशस्त्र संघर्षों से भाग रहे शरर्णार्थियों को भी सुरक्षा प्रदान करे।  

इस बात पर बल देते हुए कि अन्धाधुन्ध, बिना सोच-समझकर किये गये तथा सामुदायिक निष्कासन समाधान नहीं है महाधर्माध्यक्ष यूरकोविट्स ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को बच्चों एवं उनके परिवारों के प्रति विशेष संवेदनशीलता का सुझाव दिया।

महाधर्माध्यक्ष ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि लगभग 35 लाख शरणार्थी बच्चों को स्कूल जाने की सुविधा नहीं मिली है। इनके लिये प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च स्तर की शिक्षा मुहैया कराने का उन्होंने निवेदन किया और कहा कि शिक्षा मानव तस्करी, बच्चों के शोषण तथा अन्य प्रकारों की दासता से मुक्ति पाने का भी एक सशक्त अस्त्र बन सकती है।








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