2017-10-18 16:40:00

संत पापा द्वारा ‘शांति हेतु धर्मों के विश्व सम्मेलन’ के प्रतिनिधियों का अभिवादन


वाटिकन सिटी, बुधवार, 18 अक्टूबर 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के पहले वाटिकन के संत पॉल छठे सभागार में ‘शांति हेतु धर्मों के विश्व सम्मेलन’ के 80 प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उनका हार्दिक अभिवादन करते हुए कार्डिनल तौरान को प्रस्तुतीकरण के लिए धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा,″आज की दुनिया में शांति हेतु काम करना बहुत जरूरी है, जहां बहुत से लोग युद्ध और संघर्ष से जूझ रहे हैं। शांति एक दिव्य उपहार और मानव उपलब्धि दोनों हैं। इसी वजह से सभी धर्मों के विश्वासियों को शांति लाने और इसके लिए मध्यस्थ बनने के लिए कहा जाता है। सभी उदार पुरुष और महिलाएँ विशेषकर जिन्हें यह उत्तरदायित्व मिला है वे पूरे मन हृदय और शक्ति के साथ शांति स्थापना हेतु काम करें। शांति के लिए "तैयारी" होनी चाहिए। इस प्रयास में, शांति और न्याय एक साथ चलते हैं।

शांति के निर्माण हेतु सभी धर्मों की अपनी आध्यात्मिक और नैतिक संसाधनों के साथ, एक विशिष्ट और अनोखी भूमिका है। शांति के संबंध में वे तटस्थ नहीं हो सकते हैं। जो लोग धर्म के नाम पर हिंसा के कृत्यों में संलग्न हैं या उन्हें औचित्य करने की कोशिश करते हैं वे ईश्वर को गंभीरता से दुःखित करते हैं। ईश्वर स्वयं शांति हैं, वे शांति के स्रोत हैं और उन्होंने अपने ज्ञान, शक्ति और सौंदर्य का प्रतिबिंब मानव में छोड़ दिया है।

संत पापा ने "शांति के लिए धर्मों" के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, ″आप धर्म और शांति दोनों के लिए एक बहुमूल्य सेवा प्रदान करते हैं, क्योंकि धर्म, न्याय, भाई-चारा, निरस्त्रीकरण और सृष्टि की देखभाल के माध्यम से शांति को बढ़ावा देने हेतु सभी धर्मों के स्वभाव से बंधे हैं।

संपूर्ण पर्यावरण को बढ़ावा देने में धर्मों के सार्वजनिक और सम्मिलित प्रयास की आवश्यकता है। बाइबिल हमें इस तथ्य को समझने में मदद करती है और याद दिलाती है कि ″ईश्वर ने अपने द्वारा बनाया हुआ सब कुछ देखा और यह उसको अच्छा लगा।″ (उत्पत्ति 1,31) धर्मों के पास एक नैतिक सहिंता है, जो मानव व्यक्ति की गरिमा के प्रति सम्मान और सृजन की देखभाल के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है।

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, हमारे बीच अंतर-धार्मिक सहयोग की शक्ति के अच्छे उदाहरण हैं जो हिंसक संघर्षों का विरोध करते तथा स्थायी विकास को आगे बढ़ाते और पृथ्वी की रक्षा हेतु काम करते हैं। संत पापा ने ईश्वर पर विश्वास रखते हुए इस कार्य को जारी रखने की शुभ-कामनायें दी।








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