2017-10-10 16:47:00

सिरो मलाबार कलीसिया में नये धर्मप्रांतों की स्थापना


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 10 अक्टूबर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 10 अक्टूबर को सिरो मलाबार कलीसिया के लिए दो नये धर्मप्रांतों की स्थापना की एवं उन धर्मप्रांतों के लिए दो नये धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा की।

नव स्थापित धर्मप्रांतों के नाम हैं शामशाबाद एवं होसूर तथा नव नियुक्त धर्माध्यक्ष हैं, धर्माध्यक्ष एस.ए.आर रफाएल थातिल तथा धर्माध्यक्ष सेबास्तियन पोज़होलिपाराम्बिल।

धर्माध्यक्ष सी.ए.आर रफाएल थातिल का जन्म 21 अप्रैल 1956 ई. को त्रिचूर में हुआ था। वाडावथूर से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने रोम के परमधर्मपीठीय ऑरियंटल संस्थान से कलीसियाई कानून विषय पर डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त की। वे मलयालम, अंग्रेजी, इतली एवं जर्मन भाषाओं के अच्छे ज्ञाता हैं। धर्माध्यक्ष रफाएल थातिल का पुरोहिताभिषेक 21 दिसम्बर 1980 में हुआ था। संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के द्वारा वे बुरूनी के धर्माध्यक्ष एवं त्रिचूर के सहायक धर्माध्यक्ष नियुक्त हुए थे एवं 10 अप्रैल 2010 को उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक सम्पन्न हुआ था।

सिरो मलाबार कलीसिया का शामशाबाद धर्मप्रांत

शामशाबाद धर्मप्रांत का क्षेत्रफल काफी विस्तृत है। धर्मप्रांत में कुल 88 पुरोहित हैं। शामशाबाद धर्मप्रांत का केंद्र हैदराबाद में है जहाँ 500 सिरो मालाबार परिवार रहते हैं।

होसूर के धर्माध्यक्ष सी.ए.आर सेबास्तियन पोज़होलिपाराम्फिल

उनका जन्म 1 सितम्बर 1957 को पुल्लुर में हुआ था। उन्होंने त्रिचूर मेजर समिनरी से ईशशास्त्र की पढ़ाई की तथा कोट्टायाम में संत थॉमस अपोस्तोलिक सेमिनरी से अध्ययन समाप्त कर 22 दिसम्बर 1982 को पुरोहित बने। उन्होंने रोम स्थित परमधर्मपीठीय संत थोमस अक्वीनस विश्वविद्यालय से स्नातकोतर की पढ़ाई पूरी की है। वे अंग्रेजी, मलयालम, हिन्दी, इतली और जर्मन भाषाओं के ज्ञाता हैं।

धर्माध्यक्ष सेबास्तियन ने कई पल्लियों में अपनी सेवा दी है। वे संत पौल सेमिनरी के अध्यक्ष और काथलिक करिश्माई सम्मेलन के निदेशक रह चुके हैं, बाईबिल एवं जीजस यूथ के लिए भी उन्होंने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। वे चेन्नाई में प्रेरिताई के संयोजक भी थे।

सिरो मालाबार कलीसिया का होसूर धर्मप्रांत

होसूर धर्मप्रांत में तमिलनाडू के उत्तरी हिस्से आते हैं जहाँ करीब 50,000 सिरो मलाबार कलीसिया के विश्वासी हैं। वहाँ की प्रेरिताई कार्य को 22 पुरोहितों को सौंपा गया है जो 44 केंद्रों के लिए उत्तरदायी हैं वहाँ 73 धर्मसमाजी भी कार्यरत हैं जो 8 स्कूलों का संचालन करते हैं। 








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