2017-10-10 17:16:00

ईश्वर का सामर्थ्य उनकी करुणा में प्रकट


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 10 अक्टूबर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार के ख्रीस्तयाग प्रवचन में विश्वासियों को स्मरण दिलाया कि ईश्वर की असीम दया सब कुछ से बढ़कर है किन्तु उन्होंने कठोर लोगों के विरूद्ध चेतावनी दी तथा सभी ख्रीस्तीयों को निमंत्रण दिया कि वे अपना हृदय द्वार खोलें। 

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने नबी योना के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया।

नबी योना की कहानी का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा, वह एक कठोर व्यक्ति था जो ईश्वर को सिखलाना चाहता था कि चीजों को कैसे किया जाता है। संत पापा ने उसे अकड़पन से पीड़ित एक भूखी आत्मा कहा।

संत पापा ने कहा कि प्रभु ने योना को निनीवे शहर भेजा। पहली बार वह वहाँ जाने से इनकार किया और भाग गया किन्तु अंततः ईश्वर के आदेश का पालन किया और उसने इस कार्य को बखूबी निभाया। संत पापा ने गौर किया कि योना ने क्रोधित होकर ईश्वर का आदेश पूरा किया क्योंकि ईश्वर ने लोगों के प्रति क्षमाशीलता दिखलाई थी जिन्होंने खुले हृदय से पश्चाताप किया था। 

संत पापा ने कहा कि जिनका हृदय कठोर है वे ईश्वर की दया को नहीं समझते हैं। वे योना के समान हैं। वे प्रभु के लिए अपना हृदय खोलना नहीं जानते हैं। संत पापा ने उन्हें डरपोक की संज्ञा दी। अपने छोटे हृदय के कारण वे दया के लिए बंद हैं तथा नग्न धार्मिकता के मामले से आसक्त। वे भूल जाते हैं कि ईश्वर के न्याय ने उनके पुत्र के शरीर का रूप धारण किया तथा करुणा और क्षमाशीलता बना। वे भूल जाते हैं कि ईश्वर का हृदय क्षमाशीलता हेतु सदा खुला रहता है।

संत पापा ने कहा कि वे एक अन्य चीज को भी भूल जाते हैं और वह है ईश्वर का सामर्थ्य सबसे बढ़कर उनकी दया एवं क्षमाशीलता में प्रकट होती है। ईश्वर की दया को समझना आसान नहीं है यह केवल उनकी कृपा से समझा जा सकता है अतः प्रार्थना की आवश्यकता है।

योना की कहानी की ओर पुनः ध्यान आकृष्ट करते हुए संत पापा ने कहा कि ईश्वर नबी को उसकी कठोरता एवं हठधर्मिता की स्थिति में छोड़ सकते थे किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किये वे उनके साथ बात करने गये और उन्हें आश्वस्त किया, इस प्रकार उन्होंने निनीवे के लोगों की तरह ही नबी को भी बचा लिया।

संत पापा ने कहा, ″वे धीरज के ईश्वर हैं। वे दुलार करना तथा हृदय खोलना जानते हैं।″

उन्होंने नबी योना के ग्रंथ का पाठ करने की सलाह दी जो ईश्वर की दया के कार्यों से भरा है तथा अपनी दया से हृदयों को परिवर्तित करता है। उन्होंने असीम करुणावान होने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। 








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