2017-10-05 17:29:00

प्रभु आतंकवाद से मिस्र, मध्यपूर्व एवं विश्व की रक्षा करे, संत पापा


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 अक्टूबर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को मिस्र के उन प्रतिनिधियों का अभिवादन किया जो पर्यटन मंत्री के नेतृत्व में रोम आये हैं ताकि मिस्र में पवित्र परिवार के पलायन के पदचिन्हों पर तीर्थयात्रा को बढ़ावा दे सकें।

साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के दौरान संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में संत पापा ने मिस्र में गत अप्रैल माह में हुए, प्रेरितिक यात्रा का स्मरण किया और कहा कि उन्हें उस यात्रा की अच्छी यादें हैं। 

उन्होंने कहा, ″मिस्र एक ऐसी भूमि है जहाँ संत योसेफ, कुँवारी मरियम और येसु तथा कई अन्य नबियों ने जीवन बीताया है। यह एक ऐसी भूमि है जो सदियों से शहीदों के मूल्यवान रक्त द्वारा धन्य है।″  

संत पापा ने मिस्र को एक सहअस्तित्व, अतिथि सत्कार, मुलाकात, इतिहास और सभ्यता की भूमि बतलाते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया तथा हर तरह के आतंकवाद एवं बुराई से इस भूमि की रक्षा हेतु प्रभु से प्रार्थना की।

संत पापा ने पवित्र परिवार के मिस्र पलायन के प्रतीक एक प्रतिमा पर आशीष प्रदान की।

मिस्र के पर्यटन मंत्री याहया राशेद की अगुवाई में, प्रतिनिधि मंडल ने रोम में पर्यटन अधिकारियों से भी मुलाकात की ताकि मिस्र में पवित्र परिवार के पलायन के सम्मान में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा हेतु आयोजन को बढ़ावा दे सकें। राशेद ने मुलाकात के पूर्व कहा कि यह योजना संत पापा की मिस्र में प्रेरितिक यात्रा के ढांचे पर बनायी गयी है। यह धार्मिक भ्रमण, पर्यटन मंत्रालय द्वारा संलग्न महत्व की रूपरेखा के भीतर आता है।

तीर्थयात्रा का यह रास्ता तीर्थयात्रियों को आठ अलग-अलग स्थानों पर ले जाती हैं जो हेरोद के उत्पीड़न के कारण पवित्र परिवार के पलायन अथवा उनके पवित्र भूमि वापस आने से जुड़े होने के कारण महत्वपूर्ण है।

यह अल अरीश शहर (उत्तर सिनाई) से शुरू होकर नील नदी की पूर्वी डेल्टा से पार होते हुए चार महत्वपूर्ण कोप्टिक मठ, वादी नाट्राउन तक पहुँचती है।

तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने के द्वारा सरकार की आशा है कि पर्यटन विभाग में नई जान लायी जा  सकेगी जो 2011 की क्रांति के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। यह मिस्र के अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों के प्रति सरकार के समर्थन का भी चिन्ह है।








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