2017-09-26 16:14:00

धर्मांतरण विरोधी कानून एवं नई भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में जुलूस


राँची, मंगलवार, 26 सितम्बर 2017 (एशियान्यूज़): झारखंड राज्यसभा द्वारा अनुमोदित धर्मांतरण विरोधी कानून 2017 एवं नई भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करने के लिए, राँची में विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों से करीब 5,000 लोगों ने 23 सितम्बर को एक जुलूस में भाग लिया।

नई भूमि अधिग्रहण बिल लागू करने के द्वारा सरकार आदिवासियों की जमीन लेकर कारखानों के लिए बेच देगी।

विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे जेस्विट फादर माईकेल केरकेट्टा ने एशियान्यूज से कहा, ″विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी असहमति व्यक्त की। झारखंड धर्मांतरण विधेयक 2017 जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक सीधे तौर से प्रभावित हुए हैं उसके विरोध में काथलिक, हिन्दू, सिक्ख और मुस्लिम धर्मों के सदस्यों ने एक साथ जुलूस में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हम इस देश के विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट हैं। वास्तव में, धर्मातरण विरोधी कानून, धार्मिक स्वतंत्रता को रोकने के लिए एक उपकरण है।"

23 सितम्बर को आयोजित इस जुलूस में कुल 22 सामाजिक एवं नागरिक संगठनों ने भाग लिया।

आयोजकों में से एक फादर अमृत तिरकी ने जुलूस में भाग लेने वालों से अपील की कि ″समाज में जो हो रहा है और जो हमें विभाजित करता है उनसे हमें सचेत होना चाहिए। जेस्विट फादर ने कहा कि इस प्रदर्शन द्वारा वे चाहते हैं कि विभाजनकारी शक्ति के विरूद्ध वे एकजुट हों।

एशियान्यूज़ के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने अगस्त महीने में पास किये गये धर्मांतरण विधेयक 2017 का विरोध किया।

धर्मांतरण के लिए दोषी पाये जाने पर, तीन वर्ष का जेल और 50 हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित है। धर्म परिवर्तन करनेवाला अगर अनुसूचित जाति या जनजाति समुदाय का हो, तो धर्मांतरण करानेवाले को चार वर्ष की सजा हो सकती है।

राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो ने भी इस कानून का विरोध किया है। उन्होंने एशियान्यूज़ से कहा, ″जबरन धर्मांतरण नहीं होता है। स्वतंत्र मन, अंतःकरण एवं इच्छा के साथ हम स्वतंत्र लोग हैं।″   

धर्मांतरण विधेयक का विरोध करने पर हिन्दू चरमपंथियों के एक दल ने कार्डिनल का पुतला सार्वजनिक रूप से जलाया था और उन्हें धमकी भी दी थी। उधर राँची के सहायक धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेनहास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र भेजकर इस चिंताजनक स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट किया था। 








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