वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 22 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): यूरोप में आप्रवास संकट पर यूरोपीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ द्वारा आयोजित बैठक में भाग लेनेवाले विभिन्न राष्ट्रों के आप्रवास प्रबन्धकों ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
आप्रवास पर कार्यरत निर्देशकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने उनसे कहा, "जीने योग्य सुरक्षित स्थान की तलाश में हाल के वर्षों में यूरोप के दरवाजे पर दस्तक देने वाले कई प्रवासी और शरणार्थी भाइयों एवं बहनों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के लिए मैं हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूँ।"
सन्त पापा ने कहा, "आप्रवास की राजनीति को भी संकट में डालने वाले तथा इतने व्यापक, जटिल और विविध आप्रवासी प्रवाहों और साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्विदाओं में संरक्षित सुरक्षा के साधनों के समक्ष कलीसिया अपने मिशन के प्रति वफादार बने रहने का मनोरथ रखती है, जो है, प्रभु येसु से प्रेम करना, उनकी आराधना करना तथा निर्धनों, निराश्रितों एवं परित्यक्त लोगों की सेवा करना जिनमें आप्रवासी एवं शरणार्थी भी शामिल हैं।"
सन्त पापा ने यूरोप के राष्ट्रों से आग्रह किया कि प्रत्येक राष्ट्र अपनी क्षमता के अनुसार आप्रवास के प्रथम चरण से लेकर पुनर्वास एवं पूर्ण एकीकरण तक आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की मदद करे। हर प्रकार के नस्लवाद एवं भेदभाव को समाप्त करने का आग्रह कर सन्त पापा ने कहा कि यूरोप के कुछेक राष्ट्रों द्वारा दर्शाई गई असहिष्णुता के प्रति वे चिन्तित हैं।
उन्होंने स्मरण दिलाया कि, "आप्रवास की वजह से ही कलीसिया विश्व के विभिन्न महाद्वीपों में सुसमाचार की उदघोषणा कर पाई और यह इसलिये सम्भव बन पड़ा क्योंकि मिशनरियों का यह विश्वास सुदृढ़ था कि येसु ख्रीस्त का मुक्ति सन्देश सार्वभौमिक है तथा प्रत्येक संस्कृति के लोगों को सम्बोधित है।"
यूरोप के काथलिकों से सन्त पापा फ्राँसिस ने आग्रह किया कि वे पवित्रआत्मा से प्रार्थना करें तथा विश्वासपूर्वक उदारता के द्वारों को खोलें ताकि हर प्रकार के भेदभाव और हर प्रकार की दीवार को लाँघा जा सके।
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