2017-09-21 11:37:00

भारतीय स्कूलों में देशभक्ति के नारे को बलात थोपने की निन्दा


भोपाल, गुरुवार, 21 सितम्बर 2017 (ऊका समाचार): मध्यप्रदेश के एक हिंदू राजनेता ने स्कूल के छात्रों से "जय हिन्द" का नारा लगाकर कक्षाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए कहा है किन्तु ख्रीस्तीयों का कहना है कि इस नारे को बलात छात्रों पर थोपना धार्मिक अल्पसंख्यकों को बाहर करना तथा हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना है।

मध्य प्रदेश राज्य के शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने सतना ज़िले के सरकारी स्कूलों को मौजूदा "जी सर या जी मैम" को बदलने का आदेश दिया है तथा इसके स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने के लिये "जयहिन्द" का नारा लगाने के लिये कहा है।

जय हिन्द का इस्तेमाल सामान्यतः पूरे देश में राष्ट्रीय गान के अंत में किया जाता है। राजनेताओं के भाषणों के अन्त में भी इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि, हिंद, हिंदुस्तान का छोटा रूप है जिसका अर्थ है "हिंदुओं की भूमि" इसमें ईसाई, सिक्ख और मुस्लिम जैसे भारतीय धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल नहीं हैं। इन्डिया का आधिकारिक हिंदी शब्द है "भारत", हिंदू या हिंदुस्तान नहीं।

शिक्षा मंत्री शाह का आदेश पहली अक्टूबर से प्रभावी होगा। इस आदेश का उल्लंघन करनेवाले  स्कूलों के खिलाफ गंभीर नतीजे की चेतावनी भी दी गई है।

शिक्षा मंत्री के आदेश पर टीका करते हुए सागर के काथलिक धर्माध्यक्ष तथा काथलिक स्कूलों की  प्रान्तीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एन्थोनी चिरायाथ ने कहा, "छात्रों को इस तरह के आदेश पालन हेतु मजबूर करना एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।"  

उन्होंने कहा कि कलीसिया द्वारा संचालित स्कूलों को सरकार से कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है किन्तु उन्होंने मंत्री के आदेश को स्थानीय मीडिया में प्रकाशित देखा है। उन्होंने कहा कि आदेश प्राप्त करने के बाद ही काथलिक स्कूल इसके कार्यान्वयन पर विचार करेंगे।

इसी बीच, मध्यप्रदेश में मुस्लिम नेता मौलाना उमर क्वाज़मी ने भी आदेश पर रोष जताते हुए कहा कि देशभक्तिवाद पर जोर देकर यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि जो लोग हिंदू राष्ट्रवाद का पालन करते हैं, वे ही सच्चे देशभक्त हैं, शेष लोगों के लिये देश में कोई जगह नहीं है।








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