2017-09-20 17:55:00

वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गल्लाघर का संदेश


न्यूयॉर्क, बुधवार, 20 सितम्बर 2017 (रेई) : संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय न्यूयार्क में मंगलवार 19 सितम्बर को  ‘आधुनिक गुलामी और मानव तस्करी’ विषय पर हो रहे उच्च स्तरीय सभा को संबोधित करते हुए वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गल्लाघर ने  जबरन श्रम समाप्त करने हेतु कार्रवाई करने की मांग पर अपना बयान दिया।  

मानव तस्करी और आधुनिक गुलामी के अन्य रूपों के खिलाफ लड़ाई में परमधर्मपीठ की भागीदारी नई नहीं है। सन् 1965 ई.से ही काथलिक कलीसिया ने "बदनामी" गुलामी, वेश्यावृत्ति, महिलाओं और बच्चों की बिक्री और शर्मनाक काम की स्थिति जहां ज्यादा रुपये कमाने के लिए लोगों को उपकरणों के रूप में प्रयोग किया जाता है, की जोरदार निंदा की थी। ये सभी परिस्थितियाँ "मानव समाज में जहर डालती, अपराधियों को बहकाती" और "सृष्टिकर्ता का सर्वोच्च अपमान″ करती हैं।

मानव तस्करी का मुद्दा केवल प्रभावी न्यायिक यंत्रों को बढ़ावा देने और सभी जोखिम उठाने वालों द्वारा कई स्तरों पर ठोस सहयोग और इन घृणित अपराधों को रोकने के लिए बहु-आयामी रणनीतियों का उपयोग तथा अपराधियों को दंड देने से ही पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

संत पापा ने स्पस्ट कर दिया है कि मजबूर श्रम, आधुनिक गुलामी और व्यक्तियों में तस्करी को समाप्त करने के लिए काम करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। इस प्रकार काथलिक कलीसिया की संस्थाएँ और संगठन सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में साझेदारी और सरकार के अधिकारियों के सहयोग से कार्य करती है।

महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने उदाहरण देते हुए कहा कि परमधर्मपीठ और काथलिक कलीसिया विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न पहलुओं में ब्रिटिश सरकार के साथ मानव तस्करी को खत्म करने के प्रयास में सहयोग करती है संत मार्था एक ऐसा साझेदार समूह है, जो कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और कलीसियाई संस्थानों के बीच सहयोग करता है। यह समूह पीड़ितों को बचाने और उन्हें सामान्य जीवन में पुनर्वास कराने के लिए काम करता है।








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