2017-09-16 15:39:00

संत पापा ने दुःखों की माता मरियम पर चिंतन किया


वाटिकन सिटी, शनिवार, 16 सितम्बर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 15 सितम्बर को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय ख्रीस्तयाग अर्पित कर, दुःखों की माता मरियम पर प्रकाश डाला।

कलीसिया 15 सितम्बर को दुःखों की माता मरियम का त्योहार मनाती है। संत पापा ने कहा कि हमें येसु की माता मरियम पर चिंतन करने की आवश्यकता है।

उन्होंने प्रवचन में कहा, ″हमें परस्पर विरोध के इस चिन्ह पर विश्वास करने की आवश्यकता है क्योंकि येसु विजयी हैं किन्तु क्रूस के ऊपर। यह विरोधाभास के समान है जिसके कारण हम समझ नहीं पाते हैं। इसे समझने के लिए विश्वास की आवश्यकता है कम से कम इस रहस्य तक पहुँचने के लिए। माता मरियम ने हृदय के छेदे जाने का अनुभव किया एवं उसे जीवन पर जीया। उन्होंने येसु का अनुसरण किया और लोगों की टिप्पणियाँ सुनी, कभी उसके पक्ष में तो कभी उसके विपक्ष में। माता मरियम ही हैं जिन्होंने उस विरोधाभास के चिन्ह को अपने हृदय में धारण किया।″

क्रूस के नीचे मौन रूप से वे अंत तक खड़ी, अपने पुत्र को निहारती रही। शायद उस समय भी उन्होंने कई आलोचनाएँ सुनी होंगी ″देखो उन तीन कुकर्मियों में से एक की माता″ किन्तु उन्होंने अपने पुत्र के कारण अपना चेहरा नहीं छिपाया। 

संत पापा ने कहा कि उन्होंने इन शब्दों को मौन रूप से हमें चिंतन में मदद करने हेतु अर्पित किया। क्रूस के नीचे माता मरियम ने उस समय कलीसिया को जन्म दिया और हम सभी को भी। नारी ये आपका पुत्र है। येसु ने उस समय उन्हें माता नहीं किन्तु नारी कहकर पुकारा क्योंकि वह एक साहसी एवं दृढ़ महिला थी जिन्होंने उस स्थिति में भी अपनी पुत्र को स्वीकारा।

संत पापा ने अपने प्रवचन में मनन-चिंतन हेतु प्रोत्साहन दिया तथा पवित्र आत्मा से प्रार्थना की कि हम सुनने की आवश्यकता को महसूस कर सकें।








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