2017-09-01 12:46:00

एन्शेफलाइटिस, निमोनिया से झारखंड में 800 से अधिक बच्चों की मौत


राँची, शुक्रवार, 1 सितम्बर 2017 (ऊका समाचार): झारखंड के दो अस्पतालों में 800 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है और मौतों का अधिकांश कारण मस्तिष्कशोथ यानि एन्शेफालाइटिस रोग बताया जा रहा है।

इस वर्ष अब तक, रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आरआईएमएस) में 660 बच्चों का निधन हो चुका है और जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में पिछले चार महीनों में 164 लोगों की मौत हुई है।

आरआईएमएस के सूत्रों ने बताया कि 51 प्रतिशत बच्चों की मौत एन्शेफलाइटिस की वजह से, 17 प्रतिशत बच्चों की मौत निमोनिया की वजह से तथा अन्यों की मौत मलेरिया, साँप काटने, श्वास लेने की समस्याओं और कुपोषण एवं कम वजन की वजह से हुई है।

आरआईएमएस के निर्देशक डॉ. बी.एल. शेरवाल ने कहा, "इस साल 4,855 बच्चों को भर्ती कराया गया था जिनमें से 4,195 बच्चों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई थी। 660 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।" उन्होंने कहा, "हमने 86.40 फीसदी बच्चों का इलाज किया है।" शेरवाल ने यह भी बताया कि केवल अगस्त माह में 103 बच्चों की मौत हुई है।

सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष आरआईएमएस में 1,118 बच्चों की मृत्यु हुई थी।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुबीर दास ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को, व्यक्तिगत रूप से, मौतों की जांच का आदेश दिया है।

एक महीने में ही महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में 52 बच्चों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झारखंड सरकार को एक नोटिस जारी किया है तथा

कांग्रेस पार्टी ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।








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