कोलम्बो, बृहस्पतिवार, 31 अगस्त 2017 (एशियान्यूज़): काथलिक उदारता संगठन कारितास की श्रीलंका शाखा श्रीलंका कारितास ने अपशिष्ट पदार्थों से निजात पाने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक आंदोलन जारी किया है। जिसको देश के 14 धर्माध्यक्षों के साथ कोलम्बो के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल मालकोम रंजित का समर्थन प्राप्त है।
यह योजना कचरों के अंधाधुंध संचय को रोकने के लिए है, जो मीतोत्तमु लैंडफिल जैसी त्रासदियों का कारण बन सकती है, जब पास की एक झुग्गी में रहने वाले कई लोगों पर कचरे का ढेर गिर गया था।
सभी धर्माध्यक्षों ने कचरे के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता की पुष्टि के लिए योजना पर हस्ताक्षर किया। यह कार्यक्रम 23 अगस्त को "लंकारार्मा" बाल्कोम्बे पैलेस में सम्पन्न हुआ।
कार्डिनल मालकोम के अतिरिक्त सम्मेलन में श्रीलंका काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष मोनसिन्योर विंगस्टोन, काथलिक राष्ट्रीय आयोग के न्याय एवं शांति विभाग के अध्यक्ष मोनसिन्योर वियन्नी फर्नांदो, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना निदेशक जायाविलाल फेर्नांदो तथा विकास का एक विशेषज्ञ अनुराधा विजयवर्धन मौजूद थे।
धर्माध्यक्ष फेर्नांदो ने अपशिष्ट पदार्थों से निजात पाने हेतु तीन आर (3R) पद्धति के बारे बतलाया- रीयूज, रेडूस और रीसैकल अर्थात् पुनः प्रयोग, कम करना और पुनरावृत्ति। उन्होंने 'टकाकुरा' नामक खाद बनाने वाली प्रणाली की जानकारी दी जिसमें उर्वरक प्राप्त करने के लिए रीसाइक्लिंग सामग्री और पौधे शामिल हैं। इसका निर्माण घरों में किया जा सकता है जहाँ अवशिष्ट पदार्थों का प्रयोग किया जा सके।
करीतास के महानिदेशक यू हवा ली ने योजना के बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर साल देश में 23,000 टन अपशिष्ट का कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है यदि लोग अपने ही घरों में इसका प्रयोग करना सीख जायें जहाँ अपशिष्ट वस्तुओं का सृजन होता है।
All the contents on this site are copyrighted ©. |