2017-08-26 15:59:00

कार्डिनल परोलिन की रूस में रचनात्मक मुलाकात से संत पापा प्रसन्न


वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन 21 से 24 अगस्त तक रूस की यात्रा समाप्त कर वाटिकन लौटे जिनकी यात्रा से संत पापा फ्राँसिस प्रसन्न हैं। 

वाटिकन के पत्रकारों को दिये एक साक्षात्कार में शुक्रवार को कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने अपनी रूस यात्रा के बारे बतलाते हुए कहा कि उनकी वाटिकन वापसी पर संत पापा फ्राँसिस बृहस्पतिवार को शीघ्र उनके पास आये। उन्होंने कहा कि मुलाकात के सकारात्मक एवं प्रभावशाली परिणामों से संत पापा खुश हैं।  

कार्डिनल ने कहा, ″जैसा कि हम जानते हैं और इस उदाहरण से भी स्पष्ट है कि संत पापा वार्ता के सभी सकारात्मक अवसरों के प्रति अति सजग हैं। वे संवाद हेतु सभी मौजूदा अवसरों का मूल्यांकन करने का बहुत ध्यान रखते हैं और इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाने पर वे बहुत खुश हैं।

कार्डिनल परोलिन ने बतलाया कि उन्होंने संत पापा के अभिवादन को काथलिक समुदाय और प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के साथ-साथ उन सभी लोगों तक पहुँचाया जिनसे वे मिल सके। वाटिकन राज्य सचिव के अनुसार यह यात्रा काफी हद तक सकारात्मक रहा।

उन्होंने रूस में नागरिक अधिकारियों से मुलाकात की जिनमें राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन तथा विदेश मंत्री सेरगेज लावरोव प्रमुख थे। उन्होंने रूसी ऑर्थोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल एवं महाधर्माध्यक्ष हिलारियन से भी मुलाकात की।

उन्होंने कहा, ″ये मुलाकात सचमुच सौहार्दपूर्ण, सुनने, और सम्मानपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए। मैं उन्हें महत्वपूर्ण एवं रचनात्मक मुलाकात कह सकता हूँ।″ 

लावरोव के साथ मुलाकात में कार्डिनल परोलिन ने स्थानीय काथलिक कलीसिया की आवश्यकताओं को सामने रखा, खासकर, साम्यवादी शासन द्वारा जब्त की गयी अनेक कलीसियाओं को वापस किये जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलीसियओं को इनकी आवश्यकता है ताकि वे प्रार्थना करने हेतु पर्याप्त जगह पा सकें।  

कार्डिनल ने पत्रकारों को बतलाया कि प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के साथ उनकी मुलाकात एक नये वातावरण में आरम्भ हुई जिसकी स्थापना 2016 में क्यूबा के हवाना में संत पापा फ्राँसिस की प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के साथ मुलाकात में हुई थी।

उन्होंने कहा, ″हमने इस नये महौल पर थोड़ी बात की जो रूसी ऑर्थोडोक्स कलीसिया एवं काथलिक कलीसिया के बीच संबंध तय करता है।″ उन्होंने कहा कि ये ऑर्थोडोक्स वार्ताकार मैरा के संत निकोलास के अवशेष को मोस्को और संत पीटर्सबर्ग में घुमाये जाने के दौरान लोगों के विश्वास और धार्मिकता से बहुत प्रभावित थे। इटली के बरी में वापस लौटाने के पूर्व करीब 2.5 मिलियन लोगों ने अवशेष का दर्शन किया।

ऐसा देखा गया कि अनेक जो ऑर्थोडॉक्स हैं किन्तु धार्मिक क्रिया कलापों में भाग लेना छोड़ चुके हैं उन्होंने भी इस अवसर पर गिरजा आकर अवशेष का दर्शन किया।

कार्डिनल ने साक्षात्कार में मोस्को स्थित ख्रीस्त मुक्तिदाता को समर्पित ऑर्थोडोक्स महागिरजाघर का दौरा के बारे बतलाते हुए कहा, ″साम्यावादी शासन के दौरान यह महागिरजाघर ढ़ाह दिया गया अतः यह दुःखद इतिहास की याद दिलाता है जब कुछ लोग विश्वासियों के हृदय से विश्वास को पूरी तरह उखाड़ लेना चाहते थे तथा इस भूमि से ईश्वर की उपस्थिति एवं कलीसिया को पूरी तरह समाप्त कर देना चाहते थे।″  

उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास असफल रहा क्योंकि मनुष्य की योजनाओं से ईश्वर महान हैं।








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