2017-08-17 16:19:00

अंतरराष्ट्रीय जेस्विट दल ने इस्लाम के बारे जानकारी प्राप्त की


इंडोनेशिया, बृहस्पतिवार, 17 अगस्त 17 (ऊकान): दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुसंख्यक राष्ट्र इंडोनेशिया में, इस्लाम, विविधता और देश में अंतरधार्मिक सहिष्णुता के बारे में अधिक जानने के लिए जेसुइट सोसाईटी के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने इंडोनेशिया में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।

इस कार्यक्रम में जर्मनी, फ्राँस, नाईजीरिया, तुर्की, भारत, स्पेन, इटली तथा इंडोनेशिया के बारह जेस्विट पुरोहितों ने भाग लिया जो 10 अगस्त को जिबूबाग, पूर्वी जावा के इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल तेबुईरेंग में आयोजित था।

दल के नेता इंडोनेशियाई पुरोहित फ्राँज मैगनीज सुसेनो ने कहा, ″कार्यक्रम, पुरोहितों की मुसलमानों के बीच आयोजित कार्यक्रम में नियमित भाग लेने वाले पुरोहितों की सभा का एक हिस्सा था जिसकी मेजबानी इस साल इंडोनेशिया ने किया।

बोर्डिंग स्कूल सचिव अब्दुल गोफर ने कहा कि पुरोहितों ने स्कूल के छात्रों से उनके जीवन के अनुभवों और उनके विश्वास का उनके लिए क्या अर्थ रखता है, जानने का प्रयास किया। जब पूछा गया कि क्या किसी गैर-मुस्लिम को स्कूल में नामांकन किया जा सकता है, गोफर ने कहा कि उनके पास वहां गैर-मुस्लिम छात्र भी अध्ययन कर रहे हैं।

दल के सदस्यों में से एक जेसुइट फादर इग्नासियुस इस्मार्टोनो ने कहा कि इस मुलाकात के माध्यम से प्रतिभागियों ने इंडोनेशिया के सबसे उदार इस्लामिक संगठन नहदललाल उलेमा के बारे जानकारी प्राप्त की।" उन्होंने कहा कि हमने इस बात के बारे में अध्ययन किया कि नह्दललाल उल्लेमा उन गैर-विश्वासियों के साथ सद्भाव में रहने के बारे में क्या कहता है।

तेबुर्ंग इस्लामिक स्कूल, जिसमें आज 7,000 से अधिक छात्र हैं, सन् 1899 ई. में हसीम असियार द्वारा स्थापित किया गया था, जो नहदललाल उलेमा का एक उदार मुस्लिम नेता था।

नहदललाल उलेमा का दौरा करने के बाद, पुरोहितों ने अब्दुर रहमान वाहिद की कब्र का दौरा किया, जो इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष थे।








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