2017-08-15 16:42:00

कुँवारी मरियम ने संसार के लिए सबसे बड़े उपहार येसु को दिया


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 अगस्त 2017 (रेई): आज, धन्य कुँवारी मरियम का स्वर्गोदग्रहण महापर्व है। उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने 15 अगस्त को, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ करने पूर्व अपने संदेश में की।

संत पापा ने संत लूकस रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ के उस अंश पर चिंतन किया जहाँ कुँवारी मरियम स्वर्गदूत का संदेश प्राप्त करने के बाद शीघ्रता से इलिजाबेथ की सेवा करने जाती है जो गर्भवती थी।

संत पापा ने कहा कि वास्तव में कुँवारी मरियम ने एलिजाबेथ एवं समस्त संसार के लिए सबसे बड़े उपहार येसु को दिया जो उनके गर्भ में पल रहा था। माता मरियम के द्वारा येसु ने अपने मुक्ति के मिशन हेतु शरीर धारण किया।

संत पापा ने कहा, ″एलिजाबेथ एवं उनके पति जकेरियस के घर जहाँ संतान के अभाव में उदासी थी अब वहाँ एक बालक के आगमन की खुशी है वह बालक और कोई नहीं, बल्कि मसीह का अग्रदूत योहन बपतिस्ता था।″ जब मरियम उनके पास गयी तो वे आनन्द से भर गये क्योंकि यह अदृश्य ही सही किन्तु येसु की वास्तविक उपस्थिति थी जिसने उनके जीवन और परिवार को अर्थपूर्ण बना दिया था, जिनमें हम सभी लोगों की मुक्ति है। यह आनन्द माता मरियम के भजन में प्रकट होती है, कि उन्होंने दीन और अंजान लोगों के द्वारा महान कार्य किया है।

अपने भजन में माता मरियम ईश्वर की करूणा एवं विश्वासनीयता का बखान करती है उनकी योजना जिसमें वे छोटे, गरीब  तथा जो उन पर विश्वास करते हैं उनके लिए मुक्ति योजना की घोषण करती है।

एलिजाबेथ भी माता मरियम के आगमन पर उनका अभिवादन करते हुए कहती है ″धन्य है तू, जिसने यह विश्वास किया।″ (Lk 1:45).

माता मरियम के द्वारा उस घर येसु के आगमन द्वारा न केवल आनन्द का माहौल उत्पन्न हुआ एवं भ्रातृप्रेम बढ़ा किन्तु विश्वास भी प्रस्फूटित हुआ जो आशा, प्रार्थना एवं प्रशंसा हेतु प्रेरित करता है। 

 संत पापा ने कहा कि आज हमारे परिवारों में भी यही करने की आवश्यकता है। माता मरियम के स्वर्गोदग्रहण महापर्व मनाने के द्वारा हम उन्हें पुनः एक बार अपने घरों एवं समुदायों में लायें, उस बडे आनन्द, विशेष कृपा को जो हमारे लिए सबसे बड़ी कृपा है अर्थात् स्वयं येसु ख्रीस्त को।

येसु को प्रदान करने के द्वारा वे हमारे लिए अर्थपूर्ण एक नये आनन्द को प्रदान करते हैं, जो दर्द भरी एवं जटिल परिस्थितियों को विश्वास के साथ पार होने की क्षमता प्रदान करते हैं, दया करने, क्षमा देने, समझने एवं एक-दूसरे को समर्थन देने की शक्ति प्रदान करते हैं।

माता मरियम हमारे लिए सदगुण एवं विश्वास की आदर्श हैं। स्वर्ग में आज उन पर चिंतन करते हुए हम उन्हें धन्यवाद दें कि उन्होंने हमसे पहले जीवन एवं विश्वास की तीर्थयात्रा पूरी की है तथा प्रार्थना करें कि वे हमारी रक्षा करें एवं हमारा साथ दें ताकि हम दृढ़ता, आनन्द तथा करुणामय विश्वास प्राप्त कर संतों की राह पर आगे बढ़ते हुए एक दिन उनके साथ स्वर्ग में मुलाकात करने का सौभाग्य कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने प्राकृतिक आपदाओं, सामाजिक तनाव एवं संघर्षों के कारण पीड़ित लोगों को माता मरियम के चरणों सिपूर्द किया तथा उनकी मध्यस्थता द्वारा उनके सांत्वना के लिए प्रार्थना की।

संत पापा ने इस अवसर पर सभी को माता मरियम के स्वर्गोद्ग्रहण पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की।








All the contents on this site are copyrighted ©.