पाकिस्तान, सोमवार, 14 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों (मुस्लिम, ख्रीस्तीय, सिक्ख तथा हिन्दू) के धर्मगुरूओं ने मीनार ए पाकिस्तान में एकत्रित होकर पाकिस्तान की 70वीं वर्षगाँठ मनायी।
इस कार्यक्रम का आयोजन काथलिक फादर फ्राँसिस नादीम, फादर इन्यात बेर्नार्ड, मिन्हज उल कुरान इंस्टीट्यूट के मान्यवर शहीद मेरहाज, सोहैल अहम्मद रजा, सरदार बीशान सिंह, सरदार रंजित सिंह, सरदार उत्तर सिंह तथा पंडित भगत लाल के संयुक्त प्रयास से किया गया था।
विभिन्न धर्मों के नेताओं ने पाकिस्तान का झंडा अपने हाथ में लेकर अपनी एकता व्यक्त की। अपने अपने विचारों में, हरेक अग्रदूत ने समृद्ध, शांतिपूर्ण और उदारवादी पाकिस्तान की कामना की। उन्होंने पाकिस्तान में शांति और सौहार्द हेतु अपनी प्रतिबद्धता भी प्रकट किया।
स्वतंत्रता दिवस के संतोष और प्रसन्नता के निशान इस समारोह में कई लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में एक केक कटा गया।
अगस्त 1947 में भारत दो भागों में विभाजित होकर हिन्दू बहुत भारत और मुस्लिम बहुत पाकिस्तान बन गया था।
रेखा खींचने वाला यह मानव निर्णय न सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता था, बल्कि जीवन और मृत्यु का मामला भी। यह एक तेज़ विभाजन था जिसने अनकही आपदाओं को जन्म दिया था। इसके कारण मिलियन लोग मारे गये थे तथा हिन्दूओं के भारत आने एवं मुसलमानों के पाकिस्तान जाने के क्रम में करीब 15 मिलियन लोग विस्थापित हुए थे।
1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद यह दिवस हर साल 14 अगस्त को मनाया जाता है, जो आधिकारिक तौर पर भारत के विभाजन के एक दिन पहले प्रभाव में आया।
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