2017-08-10 15:38:00

विश्व शांति हेतु प्रार्थना करने के लिए धार्मिक नेता हॉगकॉंग में


हॉगकॉग, बृहस्पतिवार, 9 अगस्त 17 (आर अंग्रेजी): विभिन्न धर्मों के नेताओं ने विश्व शांति हेतु प्रार्थना करने तथा वार्ता, मित्रता एवं शांति को बढ़ावा देने के, संत पापा फ्राँसिस के आह्वान का प्रत्युत्तर देते हुए 3 से 4 अगस्त को जापान में एक प्रार्थना सभा में भाग लिया।

18 देशों से बौद्ध, शिंटो, ईसाई, इस्लाम, यहूदी, हिंदू और पारसी धर्मों को मानने वाले 24 प्रतिनिधियों के साथ करीब 2,000 लोगों ने जापान में अंतरधार्मिक प्रार्थना सभा में भाग लेकर, विश्व शांति हेतु प्रार्थना अर्पित की। इस घटना ने सन् 1987 ई. में माउंट हेई पर आयोजित प्रथम 'धार्मिक सम्मेलन' की 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।

प्रार्थना सभा क्योटो शहर के माऊण्ट हेई में आयोजित किया गया था जो जापानी बौद्ध संप्रदाय तेनदाई के लिए परम पवित्र स्थल है।

संत पापा फ्राँसिस ने तेनदाई के सर्वोच्च पुरोहित कोयई मोरिकावा को एक पत्र भेजा था। उससे पूर्व संत पापा ने वाटिकन में उनसे 16 सितम्बर 2016 को भी एक व्यक्तिगत मुलाकात की थी। विश्व शांति हेतु प्रार्थना सभा में पत्र को हॉगकॉग के भूतपूर्व धर्माध्यक्ष कार्डिनल जॉन तोंग ने पढकर सुनाया।

पत्र में संत पापा ने प्रतिभागियों से आग्रह किया था कि वे संवाद, मित्रता एवं शांति को बढ़ावा देने हेतु प्रार्थना तथा कार्य करें। उन्होंने कह था कि इस वार्षिक धार्मिक सम्मेलन का विशेष योगदान, वार्ता एवं मित्रता की भावना के निर्माण के लिए हो, जिसके द्वारा विश्व के विभिन्न धर्मों के लोगों को एक साथ काम करते हुए हमारे मानव परिवार में शांति के एक नये रास्ते को खोलने का अवसर मिले। 

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव धर्माध्यक्ष मिगवेल अंजेल अयूसो ग्वीक्सोत ने आतंकवाद एवं धर्म पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा, ″हमें इस बात के प्रति सतर्क होना चाहिए कि किसी तरह का युद्ध, सच्चे धार्मिक नैतिकता के असंगत है।″ उन्होंने हर विकल्प से बढ़कर संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया।

जापान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष मिस्वाकी ताकामी ने शांति को बढ़ावा देने के लिए, परमाणु हथियारों के उन्मूलन पर जोरदार अपील की।

महाधर्माध्यक्ष की माता 9 अगस्त 1945 में नागासाकी में बरसाये गये बम से बचायी गयी थी जब वे उनकी कोख में पल रहे थे। वार्षिक प्रार्थना सभा 6 अगस्त को हिरोशिमा में परमाणु बम गिराये जाने की स्मृति के साथ समाप्त की गयी। 








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