2017-08-08 16:54:00

उत्तर तथा दक्षिण कोरिया के बीच शांतिपूर्ण समझौता की अपील


कोरिया, मंगलवार, 8 अगस्त 2017 (रेई): युद्धविराम संधि की घोषणा की 64वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सियोंग्जू में आयोजित एक अंतरधार्मिक समारोह में उत्तरी तथा दक्षिणी कोरिया में सच्ची शांति हेतु अपील की गयी। 

एशियान्यूज़ के अनुसार काथलिक, प्रोटेस्टेंट एवं बौद्ध धर्मावलम्बियों ने 27 जुलाई 1953 की याद की जो युद्ध विराम के रूप में चिह्नित किया गया है किन्तु अब भी शांति का अभाव है।

कोरियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष हेजिनुस किम ही जुंग ने कहा, ″अगर कोरियाई प्रायद्वीप में शांति निश्चित रूप से पुष्ट नहीं हुई तो यह समस्त उत्तर पूर्व एशिया में समाप्त हो जाएगी एवं कोरियाई प्रायद्वीप पाउडर की तरह हो जायगा जिससे विस्फोट एवं दूसरे युद्ध को बढ़ावा मिलेगा। हमें शांति समझौते की आवश्यकता है न कि युद्धविराम मात्र।″

धर्माध्यक्ष किम ने टर्मिनल हाई आल्टिट्यूड एरिया डिफेन्स, विरोधी मिसाइल रक्षा प्रणाली तथा प्योंगयांग पर किसी भी हमले के खिलाफ संयुक्त राज्य द्वारा तैनाती पर, धर्माध्यक्षों के विरोध को दोहराया तथा कहा कि वे हथियारों के द्वारा शांति स्थापित करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि टर्मिनल हाई आल्टिट्यूड एरिया डिफेन्स, कोरिया में किसी तरह से भी शांति स्थापित नहीं कर सकता। महाधर्माध्यक्ष कौंगजू ने कहा कि टर्मिनल हाई आल्टिट्यूड एरिया डिफेन्स की तैनाती लागों की सहमति के बगैर हुई है, अतः इस पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। शांति के लिए, हमें एक संधि के मसौदे के साथ मिलकर काम करना चाहिए।"  

इस बीच, उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा रविवार को कठोर प्रतिबंधों के बाद किम जोंग-उन और वाशिंगटन के शासन के बीच तनाव बढ़ना जारी है। प्योंगयांग ने प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया को अलग करने और गला घोंटने के लिए घृणास्पद अमेरिकी षडयंत्र" के रूप में परिभाषित करते हुए "एक हजार गुना अधिक बड़े बदले" की धमकी दी। "

रविवार को एक संयुक्त वक्तव्य में अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ड्रम्प तथा दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाई इन ने कहा कि उत्तर कोरिया, जापान, दक्षिण कोरिया एवं अमरीका तथा विश्व के अन्य देशों के लिए एक बड़ा खतरा है।








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