वाटिकन सिटी, सोमवार 17 जुलाई 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 16 जुलाई को ख्रीस्तीय श्रमिकों के विश्व आंदोलन की स्थापना के 50वी वर्षगांठ के अवसर पर स्पेन स्थित अविला में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय बैठक के प्रतिभागियों को संदेश भेजा।
79 देशों में मौजूद इस आंदोलन के 120 प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं। इस सभा की विषय वस्तु है,"एक सम्मानित जीवन के लिए भूमि, घर और काम"
वाटिकन सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा हस्ताक्षर किये गये इस संदेश में संत पापा ने इस बात पर बल दिया कि "व्यक्ति की गरिमा इन तीनों वास्तविकताओं से मिलकर बनती है" जो हमें याद दिलाती है कि मानव का मौलिक अनुभव "दुनिया में, एक समाज में और एक परिवार में आधारित महसूस करना है।"
"भूमि, घर और काम का मतलब संघर्ष है क्योंकि हर व्यक्ति अपनी गरिमा के अनुरूप अपने तरीके से जीता है और कोई भी परित्यक्त नहीं है। हम उस ईश्वर में अपना विश्वास मजबूत करते हैं जिन्होंने इस दुनिया में अपने बेटे को भेजा जिससे कि वे एक परिवार में रहकर अपने हाथों से काम करते हुए, अपने लोगों के इतिहास का एक हिस्सा बनें तथा अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा लोगों को मुक्ति प्रदान की।
अंत में संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन से अर्ज किया कि वे "नये उत्साह के साथ काम की दुनिया में सुसमाचार लाने के प्रयास में दृढ़ बने रहें।"
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