2017-07-12 16:33:00

संत पापा फ्राँसिस ने धन्य घोषणा हेतु नई श्रेणी का निर्माण किया : ओब्लाज़ियो विताए


वाटिकन सिटी, बुधवार 12 जुलाई 2017 (वीआर सेदोक) : सन्त पापा फ्राँसिस ने, मंगलवार, 11 जुलाई को “मोतू प्रोप्रियो” अर्थात् स्वप्रेरणा से रचित पत्र की घोषणा की जिसके तहत, शहादत से अलग, एक नई श्रेणी का निर्माण कर प्रभु सेवक या सेविका को धन्य घोषित किया जा सकता है। वह श्रेणी है, ‘ओब्लाज़ियो विताए’ अर्थात ‘स्वतः की आहूति’, अपने जीवन को स्वतः दूसरों के लिए समर्पित कर देना।

सन्त पापा फ्राँसिस के “मोतू प्रोप्रियो”″ माइरोरेम हाक डिलेकटेनेम″ शीर्षक प्रभु के उन वचनों से लिया गया है जो संत योहन के सुसमाचार में मिलता है, " इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दे।" (योहन 15.13)

″माइरोरेम हाक डिलेकटेनेम″ पत्र में नई श्रेणी की रचना की गई है तकनीकी भाषा में एक तथ्य श्रेणी जो ओब्लाज़ियो विताए ‘स्वतः की आहूति’ कहलाता है जो शहादत की श्रेणी से पाँच मापदंडों में अलग है।

अ. स्वतंत्र और स्वेच्छा से अपने आप को अर्पित करना और एक निश्चित और जल्द- आने वाली मौत को वीरता पूर्वक स्वीकार करना।

ब. एक संबंध, (निकट संबंध) - किसी के जीवन को अर्पित करने और अर्पित करने वाले के असमय मृत्यु के बीच का संबंध।

 स. स्वतः को समर्पित करने से पहले कम से कम साधारण स्थिति में ख्रीस्तीय मूल्यों को दैनिक जीवन में अभ्यास करना और स्वतः को समर्पित करने से बाद मरने तक धैर्यपूर्वक उसे जारी रखना।

द. पवित्रता की ख्याति प्राप्त करना, पवित्रता के लिए प्रतिष्ठा, कम से कम मौत के बाद उसकी पवित्रता के संकेत की पुष्टि हो।

इ. प्रभु सेवक या सेविका को धन्य धोषित करने के लिए प्रभु सेवक या सेविका की मध्यस्ता द्वारा एक चमत्कार होना अनिवार्य है।

 इस नई श्रेणी की रचना ओब्लाज़ियो विताए के तहत प्रभु सेवक या सेविका को धन्य घोषित करने के लिए उपरोक्त पाँचों मापदंडों में खरा उतरना चाहिए।   








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