2017-07-10 15:20:00

वाटिकन ने धर्माध्यक्षों को अपने धर्मप्रांत में यूखरीस्तीय दुष्प्रयोग को रोकने हेतु पत्र भेजा


वाटिकन सिटी, सोमवार 10 जुलाई (रेई) : वाटिकन में दिव्य भक्ति एवं संस्कार संबंधी परमधर्मपीठीय धर्मसंध के अध्यक्ष कार्डिनल रॉबर्ट साराह ने विश्व के धर्माध्यक्षों के नाम पत्र में यूखरीस्तीय समारोह के दौरान पवित्रता एवं सम्मान की कमी को इंगित किया और पवित्र यूखरिस्त के मौजूदा नियमों को याद दिलाया।

संत पापा के अनुरोध पर जारी पत्र में परमधर्मपीठीय धर्मसंध ने धर्माध्यक्षों को याद दिलाया कि वे यूखरिस्त के पूजन विधि से संबंधित निर्देश को कलीसिया के कानून संहिता अनुच्छेद, रोमन मिस्सा ग्रंथ और 25 मार्च, 2004 में इस धर्मसंध द्वारा ‘रिडेम्पटिस साक्रामेंटुम’ में दिये गये निर्देशों की व्याख्या देखें।

उन निर्देशों के अनुसार पवित्र यूखरिस्त पूजन-विधि में प्रयोग लाई जाने वाली रोटी (होस्तिया) केवल गेहूं की और हाल ही में बनाई हुई बेखमीर होनी चाहिए जिससे कि खराब होने का कोई खतरा न हो। अतः गेहूं को छोड़ अन्य अनाजों से बनी रोटी का प्रयोग पवित्र यूखरिस्त में उपयुक्त नहीं माना जा सकता।

साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूखरीस्तीय रोटी में फल, चीनी या शहद जैसे अन्य पदार्थों को मिलाना एक गंभीर दुष्प्रयोग है।"

उन्होंने कहा कि पूजन विधि के लिए दाखरस अंगूर के फल से तैयार, शुद्ध और बिना किसी अन्य पदार्थों या फलों के मिश्रण से बनी होनी चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पूजन विधि के लिए दाखरस को छोड़ किसी भी प्रकार के पेय किसी भी कारण से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अन्य पेय पदार्थ वैध नहीं हैं।

पत्र में आंटे के लस मुक्त होस्तिया के संबंध में नियमों को भी संबोधित किया गया।

यूखरिस्त पूजन विधि में पूर्ण रुप से लस मुक्त आंटे से बना होस्तिया मान्य नहीं है। आंशिक रुप से लस मुक्त आंटे से बना होस्तिया मान्य है बर्शते कि इसमें दूसरे अनाज का आटा मिला हुआ न हो।

उन्होंने ने कहा कि आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधों से तैयार रोटी और दाखरस वैध माना जा सकता है।

पत्र में परमधर्मपीठीय धर्मसंध ने इस बात पर जोर देकर कहा कि मुख्य रूप से धर्माध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वे अपने धर्मप्रांत की पल्लियों का निरीक्षण करें कि वहाँ पूजन विधि के सभी नियमों को सही तरीके से पालन हो।

अंत में समिति धर्माध्यक्षों को सुझाव देती है कि वे एक साथ मिलकर अपने देश में रोटी और दाखरस के उत्पादन, संरक्षण और बिक्री पर आवश्यक जांच करें। यह भी शिफारिश की जाती है कि यूखारिस्तीय रोटी (होस्तिया) और दाखरस का उचित तरीके से रख-रखाव हो जहाँ इसे बेचा जाता है।

"सतर्कता" आवश्यक हो गई है, क्योंकि पहले कुछ धर्मसमाजों द्वारा मिस्सा बलिदान हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली होस्तिया और दाखरस बनाया जाता था पर  आज इन चीजों को सुपरमार्केट एवं अन्य दुकानों में और इंटरनेट माध्यम से बेचा जाता है, इसी कारण "पदार्थों की वैधता" पर संदेह है।








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