भोपाल, बुधवार 5 जुलाई 2017 (एशिया न्यूज) : पवित्र आत्मा धर्मसमाज की धर्मबहनों ने महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने हेतु कानूनी सेल स्थापित किया है जो अपने घरों या कार्यस्थानों में यौन शोषण के शिकार हैं।
यह पहल 28 जून को भोपाल में शुरू हुई, जहां धर्मबहनें ‘उदय समाज विकास संगठन’ के माध्यम से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। शुरुआत में न्याय चौपाल या कानूनी सेल में काम करने के लिए 12 धर्मबहनों को चुना गया है।
भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो कॉर्नेलियो, जो उनके कामों का समर्थन करते हैं, ने कहा, "महिलाओं का सशक्तीकरण परिवार के विकास का प्रतीक है, महिलाओं को स्वतंत्र रूप से रहने, बिना डर बातें करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए और प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।"
समाज विज्ञान स्कूल भोपाल में आयोजित एक सभा में करीब 1,100 महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों ने भाग लिया। संगठन की सचिव सिस्टर लिसी थोमस ने कहा, "कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को यौन हिंसा विरोध के बारे जागरूकता बढ़ाना और यौन शोषण पीड़ितों को न्याय दिलाना है।"
बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु बने मध्य प्रदेश राज्य आयोग के अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र शर्मा ने कहा, "कानून के बारे में महिलाओं के बीच जागरूकता और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा,"परिवार को बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है अतः घरेलू हिंसा और किसी भी प्रकार की हिंसा एवं उत्पीड़न पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए।"
भोपाल का ‘उदय समाज विकास संगठन’ एक स्वैच्छिक एसोसिएशन है जिसकी स्थापना अक्टूबर 2003 में पवित्र आत्मा धर्मसमाज की धर्मबहनों द्वारा किया गया था। यह भोपाल की दो मुख्य मलिन बस्तियों जाटखेड़ी और बागमंगलिया के निवासियों के लिए मानवीय अधिकारों को बढ़ावा देने और विकास के समान अवसरों को प्रोत्साहित करता है। सन् 2010 के बाद से इनकी गतिविधियां मध्य प्रदेश के अन्य जिलों जैसे इंदौर, खंडवा और झाबुआ में शुरु हो गई हैं।
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