2017-06-23 16:08:00

हर परिवार के लिए एक बाईबल


मनीला, शुक्रवार 23 जून 2017 (फीदेस) “उनके पास बाईबल हो” 2008 की इस परियोजना के तहत हर परिवार को बाईबल की एक प्रति मुहैया करने का निर्णय लिया गया है, उक्त बातें मनीला के सहायक धर्मामध्यक्ष ब्रोडेरिक पाबिलो ने फीदेस समाचार को दिये गये संवाददाता संदेश में कही।

उन्होंने कहा, “सुसमाचार प्रचार के तहत देश के करीबन पाँच लाख परिवारों के बीच बाईबल की प्रतियाँ वितरित करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य हेतु हम देश के करीब 86 काथलिक धर्मप्रान्तों का शुक्रिया अदा करते हैं जो इस कार्य में संलग्न हैं।” इस परियोजना के तहत धर्मग्रंथ की प्रति प्राप्त लोगों हेतु प्रशिक्षण और बाईबल अध्ययन के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। धर्मप्रान्त के कुल 1897 पल्लियों ने बाईबल वितरण के साथ कई अन्य प्रशिक्षणों में भाग लिया है जो फिलीपीन्स के मुख्य अधिकारियों, फिलीपीन्स लोगधर्मियों के परिषद्, काथलिक धर्मग्रंथ समाज, पवित्र युखारीस्त धर्मसमाज के पुरोहित और धर्माध्यक्षों के समुदाय संग मिलकर फिलीपीन्स धर्माध्यक्षीय सम्मेलन हेतु कार्य करते हैं।                                                                                                 

फीदेस को दिये संवाददाता समाचार के अनुसार सन् 2008 से करीब दो मिलियन धर्मग्रंथ की प्रतियाँ बाँटी जा चुकी हैं। सन् 2015 में करीब 450,000 जबकि सन् 2016 में 500,000 प्रतियाँ वितरित की गयीं। धर्माध्यभ ने कहा, “बहुत से परिवारों में बाईबल का रोजना अध्ययन शुरू हो गया है जो कि परिवारों के लिए काफी फलप्रद हो रहा है।”
खबरों के मुताबिक इस अभियान के तहत कई प्रभावकारी कार्य दिखाई दे रहते हैं, जांबालेस प्रांत के एक चिकित्सक बंदियों के साथ ईश वचन को साझा करते हैं। एक युवा अतिमोनान धर्मग्रंथ के प्रति अपने उत्साह को युवा बच्चों के संग साझा करता है जबकि मैक्सिको की एक धर्मबहन जो प्रेरितिक  कार्य में लगी है फिलीपीन्स में युवाओं को मनीला और बंतंगास के विभिन्न समुदायों में ईश वचन की घोषणा करने हेतु मदद करती है। इस तरह सुसमाचार के कई कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। धर्माध्यक्ष पाबिलो ने कहा, “धर्मग्रंथ ईश्वर का वचन है। यह हमें एक अच्छा और शांतिमय जीवन व्यतीत करने हेतु मदद करता है क्योंकि इसके द्वारा हम अपने को ईश्वर के हाथों में समर्पित करते हैं।” उन्होंने विश्वासियों को ईश्वर वचन के अध्ययन हेतु निमंत्रण देते हुए कहा कि इस परियोजना का आगामी पड़ाव अन्तरकलीसियाई वार्ता की पहल करना है जिसके तहत विभिन्न खीस्तीय समुदाय अपने विश्वास की भिन्नता को एक दूसरे के साथ साझा कर सकेंगे।
 








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