2017-06-23 16:35:00

ईश्वर की आवाज को सुनने हेतु हम छोटा बने


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 23 जून 2017 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने शुक्रवार को संत मार्था के अपने निवास में प्रातःकालीन मिस्सा के दौरान प्रवचन में कहा कि हमें ईश्वर की आवाज को सुनने हेतु छोटा बनने की जरूरत है।

येसु ख्रीस्त के पवित्र हृदय पर्व दिवस पर अपने मिस्सा के दौरान उन्होंने कहा ईश्वर ने हमें चुना है और इसलिए वे हमारी जीवन यात्रा में हमारे संग चलते हैं। उन्होंने हमारे लिए अपने बेटे को दिया और पुत्र ने हमारे प्रेम के कारण अपना जीवन अर्पित कर दिया। विधि-विवरण ग्रंथ से लिये गये पाठ पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि मूसा कहते हैं कि ईश्वर ने हमें चुना है जिससे हम उनकी संतान बन सकें।

संत पापा ने दो शब्दों “चुनाव” और “छोटापन” के बारे में कहा कि हमने ईश्वर को नहीं चुना वरन उन्होंने हमें चुना है। वे हम में अपने को “बंदी” बनाते हैं।

"वे हमारे जीवन से जुड़े हैं; वे खुद को हम से अलग नहीं कर सकते क्योंकि वे हमसे दृढ़ता पूर्वक जुड़े हैं। वे अपने में निष्ठावान बने रहते हैं। हम ईश्वरीय प्रेम में चुने गये हैं और यही हमारी पहचान है 'मैंने यह धर्म चुना है, मैंने चुना है ...'नहीं, आपने नहीं चुना है यह वे हैं जिसने हमें चुना है, हमें बुलाया है, और इस तरह वे हममें निवास करते हैं। यह हमारा विश्वास है अगर हम इस पर विश्वास नहीं करते हैं, तो हम मसीह के संदेश को नहीं समझते हैं, हम सुसमाचार को नहीं समझते हैं।"

मूसा के द्वारा कहे गये सबसे छोटा शब्द के बारे में उन्होने कहा, "वे हमारी छोटी सी चीज़ों से प्यार करते थे, और इसी वजह से उन्होंने हमें चुना है। वे छोटों को चुनते और उन पर अपने को प्रकट करते हैं। वे अपने को छोटे लोगों के लिए खोलते हैं और इसी लिए यदि हम येसु के रहस्य को समझना चाहते हैं, तो हमें आप को निम्न करने की जरूरत है। वे कहते हैं, “थके माँदे और बोझ से दबे हुए लोगों तुम सब के सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” लेकिन क्या वे बड़े लोगों को नहीं बुलाते हैं? उनका दिल खुला है, लेकिन बड़े उनकी आवाज को नहीं पहचानते, वे इसे नहीं सुन पाते हैं क्योंकि वे खुद में परिपूर्ण हैं। ईश्वर की आवाज़ को सुनने हेतु हमें अपने को छोटा बनाने की जरूरत है।

इस तरह हम येसु के पवित्र हृदय की ओर अभिमुख होते हैं जो “पवित्र कार्ड” नहीं है। “येसु का क्रूसित हृदय रहस्योद्घाटन करने वाला हृदय है, विश्वास का हृदय जिसके कारण उन्होंने अपने को छोटा बनाया, उन्होंने इस मार्ग को अपने लिए चुना।” संत पापा ने कहा कि उन्होंने हमारे लिए अपने को नम्र बनाया यहाँ तक की उन्होंने क्रूस मरण तक अपने को हमारे लिए खाली कर दिया। उन्होंने कहा  यह इस चुनाव के द्वार वे ईश्वर की महिमा को हमारे लिए प्रकट करते हैं। येसु के छेदित हृदय से “रक्त और पानी” बह निकलता है जो हमारे लिए रहस्य है। आज हम उसी प्रेममय हृदय की याद करते हैं जो हमें चुनता, हमारे प्रति विश्वासी बनता रहता और अपने को हमारे साथ जोड़ता है जिससे वह अपने छोटेपन में अपने को हमारे लिए व्यक्त कर सके।








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