2017-06-15 16:08:00

धर्मांतरण के झूठे आरोप पर काथलिक धर्मबहन हिरासत में


भोपाल, बृहस्पतिवार, 15 जून 2017 (ऊकान): मध्यप्रदेश में 13 जून को एक काथलिक धर्मबहन सि. बीना जोसेफ एवं चार आदिवासी बालिकाओं को ट्रेन की यात्रा के दौरान पुलिस द्वारा कुछ समय के लिए हिरासत में रखे जाने का विरोध करते हुए धर्मगुरूओं ने उसे ख्रीस्तीयों के मुक्त गतिविधियों पर निशाना कहा है। 

स्थानीय पुलिस अधिकारी एस. आर. बाग्री ने ऊका समाचार से कहा कि धर्मबहन और लड़कियों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत दर्ज कराने के कारण हिरासत में रखा गया था। उन्होंने शिकायत यह की थी कि धर्मबहन अपने साथ इन आदिवासी लड़कियों को ईसाई बनाने के लिए ले जा रही थी जो राज्य के कानून के तहत प्रतिबंधित है।

मध्य प्रदेश में एक माह के अंदर यह तीसरी घटना है जब पुलिस ने यात्रा करते हुए ईसाईयों को गिरफ्तार किया है।

रेलवे पुलिस ने 13 जून को सि. बीना जोसेफ एवं तीन आदिवासी लड़कियों को 12 घंटे के लिए हिरासत में रखा। उन लड़कियों को पड़ोसी राज्य झारखंड से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अध्ययन के मकसद से लिया जा रहा था।

रेलवे पुलिस ने उन्हें सातना स्टेशन जो उनके गणतव्य स्थान से 450 किलोमीटर पहले पड़ता है  यह कहते हुए रोका कि उनके विरूद्ध शिकायत के कारण उनसे पूछताछ करना है। सि. बीना जोसेफ कार्मेलाईट सिस्टर्स ऑफ सेंट तेरेसा धर्मसमाज की सदस्या है।

सिस्टर ने कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत में 12 घंटे तक रखा गया तथा उन्हें लगभग मध्यरात्रि को रिहा किया गया।

बजरंग दल जैसे हिन्दू समूह जो भारत को हिन्दूओं का देश बनाना चाहते हैं, खुलेआम ख्रीस्तीय मिशनरियों एवं उनके साथ काम करने वालों पर हस्तक्षेप कर रहे हैं।

एशियान्यूज से बात करते हुए भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कॉर्नेलियो ने सत्तारूढ़ पार्टी [बीजेपी, भारतीय जनता पार्टी] के साथ अपनी वफादारी और राजनीतिक गठबंधन को व्यक्त करने वाले कट्टरपंथी तत्वों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा की तथा कहा कि यह सब पूरी तरह गलत है एवं भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता के विरूद्ध है।

महाधर्माध्यक्ष ने शिकायत की कि धर्मबहन ″पब्लिक परिवहन द्वारा यात्रा कर रही थी, वह पुलिस द्वारा उत्पीड़न , धमकी और अपमान की शिकार हुई है। एजेंटों का कार्य निंदनीय है। सातना पुलिस स्टेशन में लिये जाने के पूर्व धर्मबहन एवं लड़कियों को 12 घंटे हिरासत में रखा गया।″

इस मामले के लिए जिम्मेदार मजिस्ट्रेट बलबीर रमन ने कहा, "धर्मबहन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है क्योंकि उसके साथ यात्रा कर रहीं सभी लड़कियाँ ईसाई हैं। हम सिर्फ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के चाहने पर केस नहीं खोल सकते।″ पूछताछ के बाद सि. बीना एवं तीन लड़कियों को रिहा कर दिया गया जबकि चौथी लड़की को नाबालिगों के लिए एक केंद्र में उसके माता-पिता का इंतजार करना था।

महाधर्माध्यक्ष कॉर्नेलियो ने सत्तारूढ़ दल से संबद्ध चरमपंथी समूहों के रवैये की निंदा की जो ईसाई अल्पसंख्यक पर किसी भी तरह से प्रहार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन दलों को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है जो भाजपा के सत्ता में होने का लाभ उठा रहे हैं और मध्यप्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।








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