2017-06-12 16:44:00

त्रित्वमय उदारता का एक उदाहरण है धन्य इताला मेला


रोम, सोमवार, 12 जून 2017 (आरईआई) : ″ख्रीस्तीय समुदाय, सभी मानवीय सीमाओं के साथ पवित्र त्रित्व की सुन्दरता और उदारता में सहभागिता का प्रतिबिंब बन सकता है, लेकिन इसके लिए ईश्वर की दया और क्षमा का अनुभव जरूरी है। कल ला स्पेज़िया में इताला मेला को धन्य घोषित किया गया।"

उक्त बातें संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 11जून को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हजारों तीर्थयात्रियों और विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के पश्चात कही। शनिवार,10 जून को इटली के ला स्पेज़िया में इताला मेला (1904-1957) को धन्य घोषित किया गया। संत पापा ने कहा, "वह विश्वास से दूर एक नास्तिक परिवार में बड़ी हुई। अपनी जवानी में उन्होंने एक नास्तिक होने का दावा किया था, लेकिन एक गहन आध्यात्मिक अनुभव के बाद उसका मन-परिवर्तन हुआ। उसने काथलिक शिक्षा हासिल की। उसके बाद वह एक बेनिदिक्तिन ओब्लेट बन गई और उसने एक रहस्यमय आधियात्मिक यात्रा की जो पवित्र त्रित्व के रहस्य पर केन्द्रित किया था, जिसका त्योहार आज हम विशेष रूप से मना रहे हैं।″

धन्य इताला मेला ख्रीस्तीय जीवन में त्रित्वमय ईश्वर की उपस्थिति को मजबूत करने हेतु अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया, साथ ही वे लोकधर्मियों के लिए सामाजिक नवीकरण का एक उदाहरण बन गई।








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