2017-06-10 15:05:00

स्कॉलस ऑकरेंत्स से संत पापा, शिक्षा न केवल संभ्रांतों के लिए हो


वाटिकन सिटी, शनिवार, 10 जून 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 9 जून को वाटिकन में स्कोलास ऑकरेंत्स फाऊँडेशन के नये कार्यालय का उद्घाटन किया जो ″शांति हेतु मुलाकात की संस्कृति″ उत्पन्न करने में शिक्षा, कला तथा खेल के बहुमुखी स्वरूप को प्रोत्साहन देता है।″  

इस अवसर पर संत पापा 9 विभिन्न देशों के युवा दलों से लाइव जुड़े, वे देश हैं- इटली, कोलोम्बिया, हैती, पाराग्वे, अर्जेंटीना, ब्राजील, मेक्सिको, स्पेन तथा संयुक्त अरब एमीरात। 

लाइव विडियो के माध्यम से स्कोलास ऑकरेन्त्स के युवाओं को संदेश देते हुए संत पापा ने शिक्षा को मात्र संभ्रांत लोगों के लिए उपलब्ध किये जाने के विरूद्ध चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, ″युवाओं के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा खतरा है और वह खतरा है उत्कृष्टता। धीरे-धीरे, कुछ स्थलों पर शिक्षा के लिए मौद्रिक समर्थन कम हो रहा है तथा एक संभ्रांत वर्ग का निर्माण किया जा रहा है जो शिक्षा के लिए भुगतान कर सके।"

संत पापा ने कहा कि यह मनोभाव उन लड़के लड़कियों का बहिष्कार करता है जिन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं हो पायी है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ मात्र चीजों की जानकारी रखना अथवा क्लास में शामिल लेना नहीं है बल्कि तीन चीजों- दिमाग, हृदय और हाथ का प्रयोग कर सहज से पाना है। जिसका मतलब है ″सीखना ताकि आप जो अनुभव एवं कार्य करते हैं उस पर विचार कर सकें, जो सोचते हैं उसे एहसास कर सकें, एवं जो एहसास करते हैं उसे कार्य रूप में परिणत कर सकें। यह व्यक्ति के अंदर का संघटित रूप है। 

वैश्विकरण की विषयवस्तु पर बोलते हुए संत पापा ने कहा कि यह अच्छी बात है किन्तु इसमें बिलियर्ड गेंद समझ लेने का खतरा है, जिसमें एक क्षेत्र, जहां केंद्र से हर बिंदु समान है और एक लड़का या एक लड़की की व्यक्तिगत विशेषताओं को रद्द कर दिया जाता है। यह मान लिया जाता है कि या तो वह सिस्टम के अनुरूप हैं अथवा वह मौजूद ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सच्चा वैश्विकरण कई खंडों के साथ एक बहुतल के समान है जहाँ हम एक साथ आने का प्रयास करते हैं और जिसमें हर व्यक्ति अपनी क्षमता एवं गुणों को बनाये रख सकता है।

संत पापा ने युवाओं को सलाह दी कि वे अपने तरीक़ों की खोज करें, विशेषकर, दूसरों के साथ एकात्मता में बढ़ने हेतु, क्योंकि ″एक जीवन जो दूसरों के साथ नहीं बांटा गया है मालूम नहीं कि वह किस काम आयेगा? शायद संग्रहालय के काम आये, पर मैं नहीं सोचता हूँ कि आप में से कोई संग्रहालय में रखा जाना पसंद करेंगे।″   

स्कोलास ऑकरेनत्स फाऊँडेशन की शुरूआत संत पापा फ्राँसिस ने 13 अगस्त 2013 को की थी। यह परमधर्मपीठ की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका प्रमुख उद्देश्य है शिक्षा, तकनीकी, कला एवं खेल के द्वारा, शांति हेतु मुलाकात की संस्कृति को प्रोत्साहन देना।

इसका नया कार्यालय जिसका उद्घाटन संत पापा ने शुक्रवार को किया वह संत कलिस्तुस पैलेस में है तथा यह इटली में फाँडेशन के आधार के रूप में कार्य करेगा। फाँडेशन अब 190 देशों में फैला है जिसमें सभी धर्मों के आधे मिलियन विद्यार्थी एवं सार्वजनिक तथा निजी स्कूल जुड़े हैं। इस आंदोलन की शुरूआत 20 साल पहले अर्जेंटीना में बोयनोस आयरेस के महाधर्माध्यक्ष जोर्ज मारियो बेरगोलियो ने की थी जो अभी के संत पापा हैं। 








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